भारत के व्यवसाय ट्रक क्षेत्र में माइलेज ही असली कमाई है। हर किलोमीटर पर बचा हुआ ईंधन मालिक के लिए लाभ बन जाता है। इंजन का प्रदर्शन और उसका जीवनकाल काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें कौन सा इंजन ऑयल डाला गया है। सही ऑयल न केवल इंजन को सुरक्षित रखता है बल्कि ईंधन की खपत भी कम करता है।
इस लेख में हम चार प्रमुख प्रकार के ट्रक इंजन ऑयल—मिनरल, सेमी-सिंथेटिक, सिंथेटिक और हाई माइलेज ऑयल—की तुलना करेंगे और समझेंगे कि कौन सा तेल आपके ट्रक को सबसे बेहतर माइलेज देता है।
हर भारी ट्रक का इंजन लगातार गर्मी और दबाव में चलता है। इस दौरान इंजन के पुर्जे आपस में रगड़ खाते हैं। इंजन ऑयल इन पुर्जों के बीच एक परत बनाता है जो घर्षण को कम करती है। जब घर्षण घटता है तो ईंधन की खपत कम होती है और इंजन अधिक सुचारू चलता है।
अच्छा ऑयल इंजन को ठंडा रखता है, जंग से बचाता है और अंदर जमी गंदगी को साफ करता है। इस तरह यह इंजन की ताकत को बरकरार रखता है और ट्रक को बेहतर माइलेज देता है।
यह ऑयल पेट्रोलियम से बनता है और सबसे पुराना प्रकार है। यह सस्ता तो होता है, पर ज्यादा तापमान और लंबी दूरी पर जल्दी खराब हो जाता है। यह पुराने ट्रकों या हल्के कामों के लिए ठीक है, लेकिन लंबे रूट पर चलने वाले व्यवसाय ट्रक के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि इससे माइलेज कम हो जाता है।
सिंथेटिक ऑयल प्रयोगशाला में बनाया जाता है। इसकी गुणवत्ता एक समान रहती है और यह गर्मी या ठंड में खराब नहीं होता। यह इंजन में घर्षण को बहुत कम कर देता है जिससे ईंधन की बचत होती है और माइलेज बढ़ता है। इसकी कीमत ज्यादा होती है, पर यह लंबे समय तक चलता है और इंजन को बेहतरीन सुरक्षा देता है। यह उन ट्रकों के लिए सबसे अच्छा है जो रोज लंबी दूरी तय करते हैं।
यह मिनरल और सिंथेटिक ऑयल का मिश्रण होता है। इसकी कीमत मध्यम होती है और प्रदर्शन भी अच्छा रहता है। जो ट्रक शहर और हाईवे दोनों जगह चलते हैं, उनके लिए यह एक संतुलित विकल्प है। यह इंजन को साफ रखता है और ठीक-ठाक माइलेज सुधार देता है।
जो इंजन 1,00,000 किलोमीटर से ज्यादा चल चुके हैं, उनके लिए यह ऑयल बनाया गया है। इसमें विशेष पदार्थ मिलाए जाते हैं जो पुराने इंजन की सील को ठीक रखते हैं, लीकेज रोकते हैं और इंजन को फिर से सुचारू बनाते हैं। इससे पुराने व्यवसाय ट्रक भी अपना माइलेज बरकरार रख सकते हैं।
| ऑयल का प्रकार | माइलेज क्षमता | ऑयल बदलने की दूरी | उपयुक्त वाहन |
| मिनरल ऑयल | सामान्य | 5,000–7,000 किमी | पुराने या हल्के ट्रक |
| सेमी-सिंथेटिक | मध्यम | 10,000–12,000 किमी | मिश्रित उपयोग वाले ट्रक |
| सिंथेटिक ऑयल | उत्कृष्ट | 15,000–25,000 किमी | लंबी दूरी वाले भारी ट्रक |
| हाई माइलेज ऑयल | पुराने इंजन के लिए स्थिर | 10,000–15,000 किमी | पुराने व्यवसाय वाहन |
इस तुलना से स्पष्ट है कि सिंथेटिक ऑयल माइलेज और टिकाऊपन दोनों में सबसे आगे है। इसकी कीमत भले थोड़ी अधिक हो, पर लंबे समय में यह ईंधन और सर्विसिंग दोनों में बचत देता है।
जब इंजन के अंदर घर्षण कम होता है तो ईंधन की खपत घटती है। ईंधन बचाने वाला इंजन ऑयल इंजन की सतहों को चिकना रखता है, जिससे ऊर्जा का नुकसान कम होता है और ट्रक ज्यादा दूरी तय करता है।
सिंथेटिक ऑयल का बड़ा लाभ यह है कि यह गर्मी या ठंड दोनों में समान रूप से बहता है। भारत जैसे देश में, जहां तापमान बहुत बदलता है, यह गुण माइलेज को स्थिर रखता है।
अगर आप अधिक माइलेज और लंबी इंजन उम्र चाहते हैं, तो सिंथेटिक ट्रक ऑयल सबसे अच्छा विकल्प है। इसकी गुणवत्ता स्थिर रहती है, यह इंजन को ठंडा रखता है और ईंधन की बचत करता है।
जो मालिक लागत और प्रदर्शन के बीच संतुलन चाहते हैं, उनके लिए सेमी-सिंथेटिक ऑयल उपयुक्त है। वहीं पुराने व्यवसाय ट्रक के लिए हाई माइलेज ऑयल इंजन को बेहतर स्थिति में बनाए रखता है।
आखिर में, सही ऑयल इंजन के लिए सुरक्षा ही नहीं, बल्कि लाभ भी देता है। यह ईंधन बचाता है, रखरखाव घटाता है और हर किलोमीटर को कमाई में बदल देता है।
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