भारत के तेजी से बढ़ते व्यवसाय वाहन बाजार में मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक अपनी नई योजना के साथ तैयार खड़ी है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह वर्ष 2026 में एक नई एससीवी (एस सी वी) पेश करेगी और इसके बाद एक एलसीवी (एल सी वी) भी बाजार में उतारेगी। बढ़ती माँग और बदलते लॉजिस्टिक सिस्टम को देखते हुए यह कदम उद्योग के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत में एससीवी, यानी 2 से 3.5 टन श्रेणी वाले छोटे व्यवसाय वाहन, हल्के माल ढुलाई क्षेत्र की रीढ़ माने जाते हैं। वर्ष 2024 में इस श्रेणी में 310,696 वाहन बिके, जो पूरे हल्के व्यवसाय वाहन बाजार का बड़ा हिस्सा है। इसके अलावा, 2 टन से कम वाले छोटे वाहनों की बिक्री 155,927 तक पहुँची। वहीं 3.5 से 7.5 टन श्रेणी वाले एलसीवी की बिक्री 61,422 दर्ज की गई।
पिछले एक दशक में, 3.5 टन से कम वाले मिनी ट्रक और पिकअप वाहन बाजार में बड़ा विस्तार हुआ है। वर्ष 2014 में जहाँ यह बाजार लगभग 360,000 यूनिट का था, वहीं अब यह बढ़कर लगभग 500,000 यूनिट के करीब पहुँच चुका है। इस तेज बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण हैं—ई–कॉमर्स का विस्तार, तेज डिलिवरी की आवश्यकता, और छोटे–मध्यम शहरों में बढ़ती उपभोक्ता गतिविधियाँ।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि एससीवी सेगमेंट ‘इलेक्ट्रिक के लिए सबसे बेहतर विकल्प’ है। इसका कारण है—छोटी निश्चित दूरी पर चलना, मध्यम भार ले जाना, और दिनभर लगातार उपयोग। इन परिस्थितियों में इलेक्ट्रिक वाहन कम खर्च में अधिक कमाई का अवसर देते हैं, इसलिए यह श्रेणी ई–मोबिलिटी के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक भी इसी समझ के आधार पर अपनी नई एससीवी को बाजार में उतारने जा रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह ऐसा वाहन पेश करे जो कम खर्च में अधिक दूरी तय करे, रखरखाव में आसान हो और रोज़ाना शहरों के भीतर काम करने वालों के लिए सबसे भरोसेमंद साबित हो। वाहन के तकनीकी विवरण अभी विकास में हैं, लेकिन उम्मीद है कि इसे मजबूत बैटरी, उचित पेलोड क्षमता और बेहतर उपयोग लागत के साथ तैयार किया जाएगा।
कंपनी की रणनीति स्पष्ट है—पहले एससीवी, उसके बाद एलसीवी। एलसीवी मॉडल का लक्ष्य 3.5 से 5 टन श्रेणी के उन ग्राहकों को साधना है जो शहरों से बाहर छोटे–मोटे क्षेत्रीय रूट पर नियमित माल ढुलाई करते हैं। इंडिया में बढ़ते रिटेल नेटवर्क, ई–कॉमर्स, एफएमसीजी वितरण और साफ ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए यह कदम लंबे समय में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
एससीवी सेगमेंट में इलेक्ट्रिक विकल्पों की माँग तेजी से बढ़ रही है क्योंकि इन वाहनों से ईंधन खर्च कम होता है और परिचालन पर बेहतर नियंत्रण मिलता है। इसके मुकाबले, एलसीवी सेगमेंट में बैटरी क्षमता, रूट पैटर्न और पेलोड जरूरतें अधिक जटिल होती हैं, इसलिए मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक ने पहले एससीवी पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया है।
सरकार द्वारा उत्सर्जन कम करने, शहरी प्रदूषण घटाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीतियाँ भी इस बदलाव को तेज कर रही हैं। ऐसे माहौल में मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक की यह नई पहल बाजार के भावी रुझानों के अनुरूप मानी जा रही है।
जैसे–जैसे भारतीय व्यवसाय वाहन बाजार इलेक्ट्रिक समाधान अपनाने की ओर बढ़ रहा है, मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक की आने वाली एससीवी और उसके बाद एलसीवी लॉन्च उसे तेज़ी से बढ़ते इस क्षेत्र में एक मजबूत स्थान दिला सकती है।
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