टाटा मोटर्स व्यवसाय वाहन कारोबार ने शेयर बाजार में शानदार शुरुआत की। इसके शेयर ₹335 पर खुले, जो खोजी गई कीमत ₹260.75 से लगभग 28.5% अधिक थे। यह मजबूत शुरुआत उस लंबे समय से प्रतीक्षित टाटा मोटर्स डिमर्जर के बाद हुई, जिसने कंपनी को दो अलग-अलग क्षेत्रों में बाँट दिया। निवेशकों ने कंपनी पर भरोसा जताया और टाटा मोटर्स के व्यवसाय वाहन क्षेत्र के भविष्य पर विश्वास दिखाया।
13 नवम्बर 2025 को व्यवसाय वाहन लिस्टिंग आधिकारिक रूप से हुई। राष्ट्रीय शेयर बाजार में टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने घंटी बजाकर कारोबार की शुरुआत की। यह क्षण टाटा मोटर्स के व्यवसाय वाहन विभाग की स्वतंत्र पहचान का प्रतीक था, जिसकी तैयारी वर्षों से चल रही थी। दोनों अधिकारियों ने कहा कि डिमर्जर के बाद अब प्रत्येक इकाई स्वतंत्र रूप से बढ़ सकती है, बिना किसी संरचनात्मक बाधा या दोहराव वाले लक्ष्यों के।
टाटा मोटर्स का डिमर्जर 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हुआ। इसे कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 230 से 232 के अंतर्गत कानूनी स्वीकृति प्राप्त हुई। इस प्रक्रिया में टाटा मोटर्स को दो स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित किया गया — टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा मोटर्स लिमिटेड, जो व्यवसाय वाहन संचालन के लिए जिम्मेदार है।
यह नई संरचना नियंत्रण को अधिक स्पष्ट बनाती है और जिम्मेदारी को स्पष्ट रूप से निर्धारित करती है। प्रत्येक स्वतंत्र कंपनी अब अपने कारोबार, निवेश और बाजार रणनीतियों को स्वयं संचालित करती है। व्यवसाय वाहन कंपनी अब परिवहन, लॉजिस्टिक्स और फ्लीट नवाचार पर ध्यान केंद्रित कर सकती है, जबकि पैसेंजर और ईवी कंपनी व्यक्तिगत गतिशीलता और विद्युतीकरण पर केंद्रित रहेगी।
शेयर मूल्य में हुई बढ़ोतरी भारत के बढ़ते लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से भी जुड़ी है। जैसे-जैसे सरकारी परियोजनाएँ, माल गलियारे और सड़क अवसंरचना बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे मजबूत व्यवसाय वाहन की मांग भी तेज़ी से बढ़ रही है। टाटा मोटर्स व्यवसाय वाहन इस चक्र में अग्रणी स्थान पर है, जो अपनी विरासत को नई इंजीनियरिंग तकनीकों के साथ जोड़ रहा है। इस लिस्टिंग प्रीमियम को केवल आर्थिक उत्साह नहीं बल्कि बाजार में समय के साथ बने विश्वास का प्रतीक माना जा रहा है।
लिस्टिंग कार्यक्रम के दौरान एन. चंद्रशेखरन ने बताया कि डिमर्जर से हर कंपनी को अधिक फोकस और स्वतंत्रता मिली है। उन्होंने कहा कि जब संगठन की संरचना स्पष्ट होती है, तो प्रदर्शन स्वाभाविक रूप से बेहतर होता है। यह टाटा समूह की मूल सोच को दर्शाता है — स्पष्ट दिशा से मजबूत परिणाम मिलते हैं।
गिरीश वाघ ने जोड़ा कि स्वतंत्रता मिलने से व्यवसाय वाहन शाखा अब पहले से कहीं अधिक तेजी से नवाचार कर सकेगी। उन्होंने डिजिटल समाधान, संचालन लागत में सुधार और वैकल्पिक ईंधन जैसे क्षेत्रों को भविष्य की वृद्धि का मुख्य आधार बताया। उनका ध्यान तकनीक और स्थिरता पर रहा, जिससे स्पष्ट हुआ कि टाटा मोटर्स बदलते परिवहन माहौल के लिए पूरी तरह तैयार है।
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