व्यवसाय वाहन बाजार 2% बढ़ा, एलसीवी-एमसीवी आगे

03 Nov 2025

व्यवसाय वाहन बाजार 2% बढ़ा, एलसीवी-एमसीवी आगे

वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में भारत के व्यवसाय वाहन बाजार में 2% की वृद्धि, एलसीवी और एमसीवी ने बढ़ाया दबदबा।

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JS

By Jyoti

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भारत का व्यवसाय वाहन बाजार वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में हल्की बढ़त के साथ आगे बढ़ा है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आँकड़ों के अनुसार, इस अवधि में कुल 463,695 इकाइयों की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की 454,681 इकाइयों की तुलना में लगभग 2% वृद्धि दर्शाती है। हालाँकि यह वृद्धि सीमित रही, लेकिन इससे साफ है कि हल्के और मध्यम व्यवसाय वाहन (एलसीवी और एमसीवी) तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, जबकि भारी व्यवसाय वाहन (एचसीवी) की मांग में गिरावट आई है।

एलसीवी और एमसीवी से बाजार को मजबूती

वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में वृद्धि का मुख्य कारण एलसीवी और एमसीवी बिक्री रही। ये दोनों खंड छोटे परिवहन व्यवसायों, ई-कॉमर्स डिलीवरी और शहरी निर्माण कार्यों में लगातार मांग बनाए हुए हैं।

दिल्ली-एनसीआर, पुणे और अहमदाबाद जैसे प्रमुख परिवहन केंद्रों में छोटे ट्रांसपोर्टरों और लॉजिस्टिक कंपनियों की ओर से वाहनों की खरीद में तेजी आई। एलसीवी वर्ग, जो आम तौर पर 2 से 3.5 टन भार वहन क्षमता वाले होते हैं, शहरों के भीतर सामान ढोने में अत्यधिक उपयोगी साबित हो रहे हैं।

इसी तरह, मध्यम व्यवसाय वाहन (एमसीवी) की बिक्री भी बेहतर रही, क्योंकि निर्माण सामग्री, एफएमसीजी वितरण और कोल्ड-चेन परिवहन जैसी गतिविधियों में इनकी जरूरत बढ़ी है। इन दोनों खंडों ने मिलकर भारत के व्यवसाय वाहन क्षेत्र की रीढ़ को मजबूत किया है।

इसके विपरीत, भारी व्यवसाय वाहन (एचसीवी) की मांग इस बार कमजोर रही। पिछले वर्ष की मजबूत शुरुआत के बाद अब बड़ी ट्रकों की खरीद पर असर पड़ा है। इसकी वजह परियोजनाओं की धीमी गति, बढ़ती परिचालन लागत और माल परिवहन दरों में अस्थिरता रही।

विशेषज्ञों के अनुसार, एचसीवी की मांग में कमी बड़े औद्योगिक क्षेत्रों जैसे इस्पात, सीमेंट और खनन क्षेत्र में निवेश की मंदी को दर्शाती है। साथ ही, कई बड़े ट्रांसपोर्टर अब मौजूदा ट्रकों का उपयोग बढ़ाने के लिए टेलीमैटिक्स और मार्ग नियोजन जैसी तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे नए वाहनों की जरूरत कुछ कम हो गई है।

ढांचागत विकास और शहरी विस्तार ने बढ़ाई मांग

भारत सरकार के पीएम गति शक्ति कार्यक्रम, सड़क निर्माण, लॉजिस्टिक पार्क और गोदाम विकास जैसे प्रोजेक्ट्स ने वित्त वर्ष 26 के व्यवसाय वाहन क्षेत्र को बड़ा सहारा दिया है। शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक सड़क नेटवर्क के विस्तार से छोटे और मध्यम ट्रकों की आवाजाही बढ़ी है। अब लंबी दूरी की बजाय क्षेत्रीय परिवहन में वाहनों का उपयोग अधिक हो रहा है, जिससे छोटे ट्रकों की खरीदारी बढ़ी है। इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट है कि बाजार अब छोटे और मध्यम वाहनों की ओर झुकाव दिखा रहा है, जबकि भारी वाहनों की खरीद फिलहाल धीमी है।

भविष्य की दिशा

डीलर और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकारी प्रोजेक्ट्स में तेजी आती है और सड़क निर्माण पर खर्च बढ़ता है, तो वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा। हालाँकि ब्याज दरों और डीज़ल कीमतों में उतार-चढ़ाव अब भी चिंता का विषय हैं, फिर भी वाहन वित्त सुविधा में सुधार और पुराने वाहनों के स्क्रैप नीति से आने वाले महीनों में मांग में और वृद्धि हो सकती है।

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