चीन में बनी डीएफएसके सी37 वैन को भारत में सड़क पर चलते हुए देखा गया है। यह वैन भारत में टेस्टिंग के दौर से गुजर रही है ताकि इसके प्रदर्शन, हैंडलिंग और भारतीय नियमों के अनुसार जांच की जा सके। यह टेस्ट खासतौर पर यात्री आराम, चलाने की आसानी और सुरक्षा फीचर्स पर ध्यान दे रहे हैं, न कि माल ढोने के काम पर।
ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों का कहना है कि डीएफएसके सी37 की भारत में लॉन्चिंग पर विचार चल रहा है। फिलहाल यह वाहन भारत में आयात (इम्पोर्ट) और मान्यता (होमोलोगेशन) प्रक्रिया से गुजर रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि यह वैन फोर्स अर्बानिया और टाटा विंगर जैसी लोकप्रिय यात्री वैन से मुकाबला करे। यह खास तौर पर छोटे व्यवसाय मालिकों, शटल सेवा और समूह यात्री परिवहन करने वालों के लिए बनाई गई है।
इसमें 1.5 लीटर (1,499 सीसी) का पेट्रोल इंजन है, जो 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स से जुड़ा है। यह इंजन 115 एचपी पावर और 148 एनएम टॉर्क देता है।
चीन से आने वाला यह मॉडल भारतीय सुरक्षा, उत्सर्जन और मानक मंजूरी नियमों के अनुसार बनाया जा रहा है। आयात रणनीति के तहत इसे पूरी तरह तैयार यूनिट के रूप में या भारतीय डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ साझेदारी के जरिये लाया जा सकता है।
डीएफएसके सी37 हल्का व्यवसाय वाहन भारत में ऐसे लोगों के लिए लाया जा रहा है जो शहरों और शहरों के बीच आरामदायक यात्रा चाहते हैं। इसके आकार 4,500 मिमी लंबाई, 1,680 मिमी चौड़ाई और 2,000 मिमी ऊंचाई के हैं और इसमें 11 यात्रियों के बैठने की जगह दी गई है।
भारत में चल रही डीएफएसके सी37 की टेस्टिंग यह दिखाती है कि कंपनी बाजार में उतरने की तैयारी सोच-समझकर कर रही है। इसका 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन और यात्री वैन डिजाइन इसे फोर्स अर्बानिया और टाटा विंगर का एक अच्छा विकल्प बनाता है।
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