भारत का पहला बैटरी स्वैपिंग-कम-चार्जिंग स्टेशन सोनीपत में उद्घाटित

09 Oct 2025

भारत का पहला बैटरी स्वैपिंग-कम-चार्जिंग स्टेशन सोनीपत में उद्घाटित

भारत ने सोनीपत में पहला बैटरी स्वैपिंग-कम-चार्जिंग स्टेशन शुरू किया, जिससे व्यवसाय वाहनों को तेज़ ऊर्जा समाधान मिलेगा।

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By Jyoti

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भारत ने विद्युत गतिशीलता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हरियाणा के सोनीपत ज़िले के पंची गुजरां गाँव में देश का पहला बैटरी स्वैपिंग-कम-चार्जिंग स्टेशन शुरू किया गया है। इस सुविधा को एनर्जी इन मोशन नामक कंपनी ने दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (डी.आई.सी.टी.) में तैयार किया है। इसका उद्घाटन 8 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की उपस्थिति में किया। यह केंद्र विशेष रूप से व्यवसाय वाहनों के लिए बनाया गया है, जिसमें एक ही स्थान पर बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग दोनों की सुविधा उपलब्ध है।

व्यवसाय वाहनों के लिए नई दिशा

भारत का परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्र अधिकतर व्यवसाय वाहनों पर निर्भर है। अब तक इलेक्ट्रिक ट्रक और बसों की तैनाती इसलिए धीमी रही क्योंकि चार्जिंग में अधिक समय लगता था। सोनीपत का यह केंद्र इस समस्या को दूर करने के लिए बनाया गया है, जहाँ ड्राइवर सिर्फ कुछ ही मिनटों में अपनी डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज बैटरी से बदल सकते हैं।

पुरानी बैटरी को बाद में चार्जिंग स्टेशन भेजा जाता है, जहाँ उसके तापमान, स्वास्थ्य और प्रदर्शन पर नज़र रखी जाती है। यह प्रक्रिया न केवल सुरक्षा बढ़ाती है, बल्कि बैटरी की उम्र और कार्यक्षमता में भी सुधार लाती है। साथ ही, परिवहन कंपनियों को रियल-टाइम डेटा मिलता है जिससे संचालन सुचारू रहता है।

वर्तमान में देश की लॉजिस्टिक लागत जी.डी.पी. का लगभग 13–14% है। सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2026 तक इसे 9% से नीचे लाया जाए। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार, सड़क, रेल और जलमार्ग का एकीकरण और कुशल ढांचा निर्माण जारी है। सोनीपत जैसा केंद्र वाहन टर्नअराउंड समय कम करेगा, लागत घटाएगा और व्यापारियों, उद्योगपतियों व किसानों – तीनों को लाभ पहुँचाएगा।

स्वच्छ ऊर्जा और जैव ईंधन का मेल

केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि भारी ट्रकों को डीज़ल से जैव ईंधन (बायोफ्यूल) पर स्थानांतरित करना समय की आवश्यकता है। जैव ईंधन वाले ट्रक प्रदूषण और परिवहन खर्च दोनों को कम करते हैं। जब बैटरी स्वैपिंग तकनीक को जैव ईंधन योजनाओं से जोड़ा जाता है, तब भारत की सतत परिवहन दिशा और मजबूत होती है।

सोनीपत केंद्र इस बात का उदाहरण है कि किस तरह इलेक्ट्रिक वाहन ढांचा जैव ईंधन परियोजनाओं के साथ काम कर सकता है। इससे ऊर्जा की उपलब्धता तेज होती है और पर्यावरणीय लक्ष्य जैसे कम उत्सर्जन और स्वच्छ वायु प्राप्त होते हैं।

भविष्य की योजना

डी.आई.सी.टी. में स्थित यह स्टेशन भारत की लॉजिस्टिक श्रृंखला का एक प्रमुख केंद्र है। एनर्जी इन मोशन वर्ष 2025 तक देश के अलग-अलग परिवहन मार्गों पर 22 नए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है। यह विस्तार देशभर में व्यवसाय वाहनों को तेज़ और भरोसेमंद ऊर्जा समाधान प्रदान करेगा।

यह परियोजना स्थानीय युवाओं को रखरखाव और संचालन के क्षेत्र में रोजगार भी देगी। इससे न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि लॉजिस्टिक दक्षता में भी सुधार होगा। सोनीपत का यह मॉडल आने वाले समय में पूरे देश में दोहराया जा सकता है — जिससे बैटरी स्वैपिंग-कम-चार्जिंग स्टेशन प्रणाली भारत के परिवहन तंत्र की नई पहचान बन जाएगी।

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