भारत का व्यवसाय परिवहन क्षेत्र अब तेजी से बदल रहा है। यह बदलाव ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, प्रदूषण नियमों और सरकार की स्थायी विकास की पहल से प्रेरित है। विद्युत वाहन इस बदलाव के केंद्र में हैं। इनमें मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक और जेबीएम ऑटो दो प्रमुख नाम हैं। दोनों कंपनियाँ उन्नत विद्युत वाहन और समाधान तैयार कर रही हैं जो भारत को स्वच्छ और कुशल परिवहन की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक, जो मुरुगप्पा समूह का हिस्सा है, भारत के विद्युत व्यवसाय वाहन क्षेत्र में एक मजबूत नाम बन चुका है। इसका प्रमुख ट्रक मॉन्ट्रा राइनो 5538 ईवी लंबी दूरी के माल परिवहन के लिए बनाया गया है। यह ट्रक 55 टन तक का भार ले सकता है और 282 kWh बैटरी पर चलता है। इसमें 2000 Nm टॉर्क है जो भारी लोड को स्थिरता और शक्ति के साथ संभालता है।
मॉन्ट्रा शहरी और निर्माण क्षेत्रों के लिए छोटे मॉडल भी बनाता है। एविएटर मॉडल 1.7 टन भार उठाने की क्षमता रखता है और स्थानीय डिलीवरी के लिए उपयुक्त है। वहीं सुपर कार्गो तीन-पहिया वाहन अंतिम चरण की डिलीवरी के लिए बनाया गया है, जिसकी वास्तविक रेंज 170 किमी तक है और इसमें फास्ट चार्जिंग की सुविधा भी है। खनन और अधोसंरचना कार्यों के लिए राइनो 2838 ईवी टिपर ताकत और मजबूती प्रदान करता है।
जेबीएम ऑटो, जो विद्युत बसों के लिए प्रसिद्ध है, अब विद्युत व्यवसाय परिवहन क्षेत्र में गहराई से प्रवेश कर रहा है। इसकी सहायक कंपनी जेबीएम ईकोलाइफ मोबिलिटी इस परिवर्तन का नेतृत्व कर रही है। हाल ही में इस कंपनी को इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) से $100 मिलियन का निवेश प्राप्त हुआ है, ताकि पूरे भारत में विद्युत बस परिचालन और सहयोगी प्रणालियों का विस्तार किया जा सके।
जेबीएम की रणनीति वाहनों और अधोसंरचना दोनों को जोड़ती है। कंपनी बसें, चार्जिंग स्टेशन और बैटरी तकनीक बनाती है जो एक समेकित प्रणाली के रूप में कार्य करती हैं। अपने ईकोफ्यूल कार्यक्रम के माध्यम से, जेबीएम देश के प्रमुख शहरों में स्थायी चार्जिंग नेटवर्क स्थापित कर रहा है। ये नेटवर्क परिवहन बेड़ों को विद्युत ऊर्जा में आसानी से स्थानांतरित होने में मदद करते हैं। कंपनी का यह एकीकृत मॉडल दर्शाता है कि विद्युत गतिशीलता में वास्तविक प्रगति वाहन डिज़ाइन के साथ-साथ मजबूत अधोसंरचना पर भी निर्भर करती है।
विशेषता | मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक | जेबीएम ऑटो |
प्रमुख मॉडल | राइनो 5538 ईवी | विद्युत बसें (ईकोलाइफ श्रृंखला) |
भार क्षमता | अधिकतम 55 टन | बसों पर केंद्रित; ट्रक विकासाधीन |
बैटरी तकनीक | 282 kWh ऑटोमेटेड स्वैपिंग के साथ | उन्नत ईवी एग्रीगेट और स्मार्ट चार्जिंग |
अधोसंरचना | बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन और एजीवी | ईकोफ्यूल चार्जिंग नेटवर्क |
हाल की प्रगति | राइनो 5538 ईवी लॉन्च, ऑटोमेटेड संयंत्र | $100 मिलियन आईएफसी निवेश विद्युत विस्तार हेतु |
विद्युत ट्रकों का बढ़ता चलन भारत के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है। ये वाहन कम खर्च, कम उत्सर्जन और भरोसेमंद प्रदर्शन का वादा करते हैं। बेड़ा मालिकों और परिवहनकर्ताओं के लिए यह बदलाव दीर्घकालिक बचत और स्थिरता का प्रतीक है।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक यह साबित कर रहा है कि विद्युत शक्ति भारी माल परिवहन में भी डीज़ल वाहनों जितनी प्रभावी हो सकती है। इसके ट्रक ताकत और प्रदर्शन में डीज़ल वाहनों की बराबरी करते हुए परिचालन लागत घटाते हैं। दूसरी ओर, जेबीएम ऑटो बड़े पैमाने पर विद्युत वाहनों को अपनाने की नींव रख रहा है। निर्माण से लेकर चार्जिंग नेटवर्क तक, इसका एकीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि विद्युत वाहन भारत के व्यवसाय परिवहन तंत्र में सहजता से समाहित हो सकें।
वाणिज्यिक गाड़ियों और ऑटोमोबाइल से जुड़ी नई जानकारियों के लिए 91ट्रक्स के साथ जुड़े रहें। हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें और फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर हमें फॉलो करें, ताकि आपको ताज़ा वीडियो, खबरें और ट्रेंड्स मिलते रहें।
फ़्लिट्टा ने भारत का पहला रीट्रोफिटेड इलेक्ट्रिक ट्रक लॉन्च किया
किया पीवी5 पैसेंजर: जानिए किया की नई इलेक्ट्रिक वैन के बारे में