टीवीएस ऑटो कैसे अपनी जगह बना रहा है इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर बाज़ार में

07 Nov 2025

टीवीएस ऑटो कैसे अपनी जगह बना रहा है इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर बाज़ार में

टीवीएस मोटर भारत के इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन बाज़ार में अपनी जगह मज़बूती से बना रहा है, नई रणनीति और भरोसेमंद तकनीक के साथ।

समीक्षा

लेखक

JS

By Jyoti

शेयर करें

भारत का इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन बाज़ार तेजी से बढ़ रहा है। प्रतिस्पर्धा कड़ी है और उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएँ लगातार बदल रही हैं। इसी गतिशील माहौल में टीवीएस मोटर कंपनी अपने व्यवसाय वाहनों के क्षेत्र में नई पहचान बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह कंपनी, जो गतिशीलता के क्षेत्र में अपनी मजबूत विरासत रखती है, अब एक संरचित, सावधान और दीर्घकालिक रणनीति के साथ इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहन बाज़ार में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।

तेजी से बढ़ता हुआ बाज़ार

भारत का इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन क्षेत्र अब परीक्षण से परिवर्तन की ओर बढ़ चुका है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच इस उद्योग ने करीब 5.55 लाख यूनिट्स बेचे हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 11% की वृद्धि दर्शाता है, जैसा कि ऑटोकॉर प्रोफेशनल की रिपोर्ट बताती है। अब इलेक्ट्रिक मॉडल्स का हिस्सा कुल तीन पहिया बिक्री में करीब 60% तक पहुँच गया है, जिससे सीएनजी और डीज़ल मॉडल्स पीछे रह गए हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अक्टूबर 2025 में बिक्री 70,600 यूनिट्स को पार कर गई। यह रुझान बताता है कि बाज़ार अब दक्षता और स्थायित्व की ओर बढ़ रहा है। मांग मुख्य रूप से छोटे व्यवसायों और अंतिम मील सेवाओं से आ रही है, जो इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों को ईंधन महंगाई और शहरी प्रतिबंधों के बीच एक स्थिर समाधान के रूप में देख रहे हैं।

उद्देश्यपूर्ण रूप से बनाए गए उत्पाद

टीवीएस ने आसान रास्ता नहीं चुना है, यानी पारंपरिक इंजन वाले मॉडलों को इलेक्ट्रिक में बदलना। इसके बजाय, कंपनी ने टीवीएस किंग ईवी और किंग कार्गो ईवी जैसे उद्देश्य-निर्मित इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों को विकसित किया है। ये वाहन वास्तविक व्यवसायिक उपयोग के अनुसार तैयार किए गए हैं।

हर मॉडल एक बार चार्ज होने पर 120 से 150 किलोमीटर की रेंज प्रदान करता है। इनमें लिथियम-आयन बैटरी, रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम और फास्ट चार्जिंग तकनीक शामिल है। डिज़ाइन उपयोगी है, प्रदर्शन स्थिर है, और उद्देश्य स्पष्ट — भरोसेमंद प्रदर्शन देना।

टीवीएस बाज़ार में उथल-पुथल नहीं मचाना चाहता, बल्कि यह भरोसा बनाना चाहता है कि उसके इलेक्ट्रिक वाहन लंबे समय तक टिके रहें।

कीमत से स्वामित्व मूल्य तक का बदलाव

कई वर्षों तक भारतीय चालक वाहन की कीमत से उसकी उपयोगिता मापते थे। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन इस सोच को बदल रहे हैं। अब महत्व स्वामित्व की कुल लागत (टीसीओ) का है — यानी संचालन, रखरखाव और चार्जिंग पर कुल खर्च।

टीवीएस ने इस बदलाव को अपनाया है। कंपनी अब लंबी बैटरी वारंटी, कस्टम सर्विस पैकेज और कनेक्टेड टेलीमैटिक्स सिस्टम प्रदान करती है, जो प्रदर्शन की निगरानी करते हैं और डाउनटाइम कम करते हैं। यह कदम उन चालकों के लिए राहत हैं जो रोज़ाना कमाई के लिए अपने वाहन पर निर्भर रहते हैं।

साथ ही, टीवीएस का व्यापक डीलर नेटवर्क, जो उसकी बड़ी ताकतों में से एक है, अब छोटे और मझोले शहरों में ईवी सेवा को अधिक सुलभ और भरोसेमंद बना रहा है।

विस्तृत ईवी रोडमैप

टीवीएस मोटर की यह रणनीति उसकी बड़ी ईवी योजना का हिस्सा है। आईक्यूब इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाद कंपनी अब तीन पहिया वाहनों, छोटे व्यवसाय वाहनों और हल्के ट्रकों के क्षेत्र में विस्तार कर रही है। इस योजना में स्थानीय उत्पादन, बैटरी नवाचार और कंपोनेंट एकीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है।

कंपनी का उद्देश्य है – धीरे-धीरे, लेकिन मज़बूती से अपनी नींव बनाना। हर निवेश — चाहे वह अनुसंधान, उत्पादन या सेवा नेटवर्क में हो — एक दीर्घकालिक विकास की दिशा में है।

प्रतिस्पर्धी बाज़ार में चुनौती

भारत का इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन क्षेत्र पहले से ही प्रतिस्पर्धा से भरा हुआ है। महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी, बजाज ऑटो और पियाजियो व्हीकल्स जैसी कंपनियाँ पहले से मजबूत स्थिति में हैं, जबकि कई स्थानीय निर्माता कम कीमत वाले सेगमेंट में काम कर रहे हैं।

हालाँकि टीवीएस ने देर से प्रवेश किया है, पर उसके पास इंजीनियरिंग कौशल, ब्रांड विश्वसनीयता और सेवा नेटवर्क जैसी प्रमुख ताकतें हैं। द ट्रिब्यून इंडिया के अनुसार, अक्टूबर 2025 में टीवीएस ने 18,407 तीन पहिया वाहन बेचे, जो पिछले साल की तुलना में 70% की वृद्धि दर्शाता है। इनमें से अधिकांश पारंपरिक इंजन वाले मॉडल थे, लेकिन यह आंकड़ा दिखाता है कि कंपनी अब इलेक्ट्रिक उत्पादन के लिए तैयार है।

चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

टीवीएस के सामने कुछ चुनौतियाँ हैं –

  1. बैटरी आपूर्ति पर आयात निर्भरता लागत बढ़ा सकती है।
  2. डीलर प्रशिक्षण और नई ईवी सेवा संरचना की ज़रूरत है।
  3. ग्राहक विश्वास अभी भी शुरुआती चरण में है।
  4. सरकारी नीति में बदलाव से प्रोत्साहन योजनाओं पर असर पड़ सकता है।

इन सबके बावजूद, कंपनी का ध्यान स्पष्ट है – गति से अधिक स्थिरता पर, और प्रतिस्पर्धा से अधिक भरोसे पर।

निष्कर्ष

टीवीएस ऑटो का यह पुनर्निर्धारण केवल व्यापार रणनीति नहीं, बल्कि एक सोच है — कि हर कदम, हर नीति, हर नवाचार एक ही लक्ष्य से जुड़ा हो: “विश्वास बनाना।” भारत के व्यवसाय वाहन बाज़ार में जहाँ इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन अब कुल बिक्री का 60% हिस्सा बन चुके हैं, वहीं टीवीएस का यह कदम एक स्थायी परिवर्तन की ओर संकेत देता है।

यदि कंपनी गुणवत्ता, लागत और सेवा में संतुलन बनाए रखती है, तो वह भारत के इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहन क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति हासिल कर सकती है।

वाणिज्यिक गाड़ियों और ऑटोमोबाइल से जुड़ी नई जानकारियों के लिए 91ट्रक्स के साथ जुड़े रहें। हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें और फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर हमें फॉलो करें, ताकि आपको ताज़ा वीडियो, खबरें और ट्रेंड्स मिलते रहें।

आगे पढ़िए:

पियाजियो इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन व्यवसाय को बढ़ाने के लिए तैयार

एस्ट्रो मोटर्स का इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन उमलिंग ला दर्रे तक पहुँचा

वेब स्टोरीज़

नवीनतम थ्री व्हीलर समाचार

श्रेणी

*कीमतें सांकेतिक हैं और बदल सकती हैं।
91trucks

हम से जुड़ें

© 2025 Vansun Ventures Pvt. Ltd. All rights reserved.