एनएचईवी और ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी नयी दिल्ली में 1,000 इलेक्ट्रिक ट्रक लगाएंगेएनएचईवी और ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी नयी दिल्ली में 1,000 इलेक्ट्रिक ट्रक लगाएंगे

10 Sep 2025

एनएचईवी और ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी नयी दिल्ली में 1,000 इलेक्ट्रिक ट्रक लगाएंगे

नयी दिल्ली में एनएचईवी और ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी 1,000 इलेक्ट्रिक व्यवसाय ट्रक उतारेंगे, सरकार दे रही है सब्सिडी और प्रोत्साहन।

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PV

By Pratham

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भारत में हरित परिवहन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मंगलवार को एनएचईवी और ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी ने आपसी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत नयी दिल्ली में 1,000 इलेक्ट्रिक ट्रक तैनात किए जाएंगे। यह घोषणा उस एक साल की तकनीकी जाँच के बाद हुई है, जो पिछले साल चेन्नई में विश्व ईवी दिवस पर शुरू हुई थी। इस जाँच का मक़सद पूरे देश में माल ढुलाई मार्गों पर इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहनों को बढ़ावा देना था।

यह पहल ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस द्वारा आगे बढ़ाई गई, जिसने पहले ही ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक ट्रकों का व्यवसाय नमूना तैयार किया था। विश्व ईवी दिवस 2024 पर यह तय किया गया कि भारी इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए वित्तीय मदद और प्रोत्साहन दिए जाएँगे ताकि इनकी तैनाती पूरे देश में तेज़ी से हो सके।

नीति आयोग के सलाहकार सुधेन्दु जे. सिन्हा ने बताया कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत अब इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निजी निवेश की तेज़ी से तैनाती यह साबित करती है कि नीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है। शून्य-उत्सर्जन ट्रकिंग से जुड़े सभी हितधारकों का उत्साह बढ़ रहा है।

इलेक्ट्रिक ट्रक अपनाने के लिए वित्तीय मदद

1 अगस्त 2025 को ₹500 करोड़ का वित्त साधन शुरू किया गया। इसके ज़रिए 720 से 810 ई-ट्रकों को वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) मॉडल के तहत मदद दी जाएगी।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) भी इस बदलाव को तेज़ कर रही है। एनएचईवी को हाल ही में $7 मिलियन की वीजीएफ सहायता मिली, जबकि ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी को आईएफसी से $20 मिलियन का इक्विटी निवेश मिला। इससे सतही परिवहन को शून्य उत्सर्जन की ओर तेज़ी से बढ़ाने में मदद मिलेगी।

ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के राष्ट्रीय कार्यक्रम निदेशक अभिजीत सिन्हा ने कहा कि यह तैनाती तकनीकी और व्यवसाय दोनों स्तरों पर बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि ई-ट्रक निर्माता और बेड़ा संचालक ट्रक की लागत ₹1.25 करोड़ से घटाकर ₹90 लाख तक लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इससे डीज़ल ट्रकों की तुलना में माल ढुलाई की लागत लगभग 10% तक कम हो सकेगी।

कहाँ होंगे ये ट्रक इस्तेमाल?

ट्रांसवोल्ट मोबिलिटी इन 1,000 ई-ट्रकों का मालिकाना और संचालन करेगी। उपाध्यक्ष सिद्देश राय ने बताया कि ये ट्रक सिर्फ़ माल ढुलाई मार्गों पर ही नहीं, बल्कि निर्माण परियोजनाओं, जहाज़घरों, खदानों और बंदरगाहों में भी लगाए जाएंगे। ये ट्रक गति शक्ति कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) को जोड़ेंगे और सीमेंट, इस्पात, कोयला, वाहन, खाद, अनाज और पेट्रोलियम जैसी वस्तुओं का परिवहन करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि अब एनएचईवी के साथ मिलकर सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, खदानों और बंदरगाहों को भारी इलेक्ट्रिक ट्रक, डंपर और टिपर किराए पर देने का मौका मिल रहा है।

इलेक्ट्रिक ट्रकों पर सरकार की प्रोत्साहन योजना

यह पहल ऐसे समय हुई है जब अगस्त 2025 में ई-ट्रकों की बिक्री लगभग दोगुनी हो गई। इसका कारण है केन्द्र सरकार की ₹500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना, जो जुलाई 2025 में पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रेवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) के तहत शुरू की गई।

भारी उद्योग मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत प्रत्येक ट्रक पर ₹2.7 लाख से ₹9.3 लाख तक की सब्सिडी मिलेगी। इससे बेड़ा संचालकों के लिए भारी इलेक्ट्रिक वाहन अपनाना आसान होगा।

निष्कर्ष: इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए नया मोड़

यह तैनाती भारत की इलेक्ट्रिक परिवहन व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने वाली है। इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहन क्षेत्र भारत के व्यवसाय वाहनों को कार्बन मुक्त करने में अहम भूमिका निभाएगा। मजबूत सरकारी नीतियाँ, वित्तीय सहायता और सार्वजनिक-निजी साझेदारी मिलकर इस परिवर्तन को गति देंगी।

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