भारत तेज़ी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है। इस बदलाव में सबसे बड़ा असर एल 5 श्रेणी के तीन-पहिया वाहनों में दिख रहा है। टीवीएस मोटर कंपनी का मानना है कि 2030 तक इस श्रेणी में करीब 60% बिक्री इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहन की होगी। यह आँकड़ा बड़ा है, लेकिन इसके पीछे की गति और कारण और भी मजबूत हैं।
वित्त वर्ष 2025 में एल 5 श्रेणी में लगभग 1.6 लाख इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन बिके। कुल 7.2 लाख यूनिट की बिक्री हुई, जिनमें से इलेक्ट्रिक का हिस्सा 23% रहा। इस बाज़ार का सबसे बड़ा भाग यात्री वाहनों का है, जो 80% से अधिक है। ये आँकड़े बताते हैं कि लोग साफ़ और किफ़ायती सफ़र के साधन को बड़ी तेज़ी से अपना रहे हैं।
चालकों और संचालकों के लिए सबसे बड़ा कारण बचत है।
शहरों में सामान ढुलाई भी इस रुझान को और आगे बढ़ा रही है। ई-कॉमर्स को तेज़, भरोसेमंद और साफ़-सुथरे डिलीवरी साधनों की ज़रूरत है। इलेक्ट्रिक वाहन इस आवश्यकता को पूरा करते हैं।
नीतिगत सहयोग भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी की वजह से इलेक्ट्रिक तीन-पहिया की कीमत लगभग ₹25,000 तक कम हो जाती है। यह प्रोत्साहन हमेशा नहीं रहेगा, लेकिन शुरुआती दौर में इसने बाज़ार को तेज़ी से आगे बढ़ाया है।
टीवीएस मोटर बदलाव का इंतज़ार नहीं कर रही, बल्कि खुद बदलाव ला रही है। कंपनी अपने टीवीएस व्यवसाय वाहन की रेंज बढ़ा रही है, जिनमें यात्री और माल ढुलाई—दोनों प्रकार के मॉडल शामिल हैं।
जनवरी 2025 में टीवीएस ने टीवीएस किंग ईवी मैक्स लॉन्च किया, जिसकी कीमत ₹2.95 लाख रखी गई। यह टीवीएस ऑटो रिक्शा खासकर शहरी यात्रियों के लिए बनाया गया है।
इसके बाद कंपनी ने टीवीएस किंग कार्गो एचडी ईवी बाज़ार में उतारा। ₹3.85 लाख की कीमत वाला यह मॉडल सामान ढुलाई और अंतिम मील डिलीवरी की ज़रूरतें पूरी करता है। इसकी लोड क्षमता ज़्यादा है। इस साल इसका सीएनजी मॉडल भी आने वाला है।
इन मॉडलों से साफ़ होता है कि टीवीएस मोटर एल 5 श्रेणी के पूरे बाज़ार को कवर करना चाहती है। इसकी बिक्री और सेवा नेटवर्क पहले से ही लगभग 70% तीन-पहिया बाज़ार में फैली हुई है, जिससे इसे बड़ी बढ़त मिलती है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक सभी तीन-पहिया वाहनों में से 40% इलेक्ट्रिक होंगे। लेकिन एल 5 श्रेणी में यह बदलाव और भी तेज़ी से होगा। रिपोर्ट बताती है कि 2024 में कुल 6.8 लाख यूनिट की बिक्री में से लगभग 1.5 लाख इलेक्ट्रिक थे। यानी इलेक्ट्रिक का हिस्सा पहले ही 22% तक पहुँच चुका है।
भारत का बड़ा लक्ष्य है कि 2030 तक कुल वाहनों में 30% इलेक्ट्रिक हों। लेकिन तीन-पहिया वाहनों में यह बदलाव इससे पहले ही आ जाएगा।
कीमत भी एक अहम पहलू है। टीवीएस किंग ईवी मैक्स ₹2.95 लाख में उपलब्ध है, जिसे यात्री ढोने वाले ज़्यादा पसंद कर रहे हैं। वहीं टीवीएस किंग कार्गो एचडी ईवी ₹3.85 लाख में आता है और माल ढुलाई करने वालों के लिए बेहतर विकल्प है। दोनों मॉडल इस तरह की कीमत पर उपलब्ध हैं कि छोटे व्यवसाय मालिक और चालक भी इन्हें आसानी से खरीद सकें।
साफ़ है कि भविष्य की दिशा तय हो चुकी है। आज जहाँ इलेक्ट्रिक तीन-पहिया का हिस्सा 23% है, वहीं 2030 तक यह 60% तक पहुँच जाएगा।
इस यात्रा में टीवीएस मोटर सबसे आगे है। कंपनी यात्री और माल ढुलाई—दोनों के लिए विकल्प दे रही है। घटती लागत, सहायक नीतियाँ और बढ़ती शहरी ज़रूरतें मिलकर इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहनों के बाज़ार को तेज़ी से आगे ले जा रही हैं।
आने वाले वर्षों में टीवीएस ऑटो रिक्शा सिर्फ़ सड़कों पर दिखने वाला वाहन नहीं होगा, बल्कि भारत के लिए एक स्वच्छ, स्मार्ट और टिकाऊ परिवहन का प्रतीक बनेगा।
अधिक लेख और समाचारों के लिए, 91ट्रक्स के साथ अपडेट रहें। हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें और ऑटोमोबाइल जगत के नवीनतम वीडियो और अपडेट के लिए हमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, और लिंक्डइन पर फॉलो करें!
91ट्रक्स एक तेजी से बढ़ता डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो वाणिज्यिक वाहन उद्योग से संबंधित नवीनतम अपडेट और जानकारी प्रदान करता है।