वोल्वो आयशर व्यवसायिक वाहन, जो वोल्वो समूह और आयशर मोटर्स की साझेदारी है, ने विश्व ईवी दिवस 2025 पर अपने इलेक्ट्रिक वाहन रेंज में नए मॉडल पेश किए। इसमें आयशर प्रो एक्स छोटा ट्रक, आयशर 2055 ईवी और स्काईलाइन प्रो इलेक्ट्रिक बस शामिल हैं। ये वाहन अब भारत के शहरों में स्कूल, हवाई अड्डों, स्टाफ ड्यूटी और शहर की यात्राओं के लिए चलाए जा रहे हैं।
कंपनी ने बताया कि उसकी 42 प्रतिशत ऊर्जा अब नवीकरणीय स्रोतों से आ रही है। इसकी 75 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना इसमें मदद कर रही है। लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2027 तक इसे 70 प्रतिशत तक पहुँचाया जाए। भोपाल का प्लांट इंडस्ट्री 4.0 तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित ऊर्जा निगरानी प्रणाली से लैस है। यहाँ 5.2 करोड़ लीटर का वर्षा जल भंडारण टैंक है, जिससे 4 महीने तक संचालन किया जा सकता है। कंपनी का लक्ष्य है कि साल 2030 तक जल की दृष्टि से सकारात्मक बने।
वोल्वो आयशर व्यवसायिक वाहन ने चार्जिंग प्वाइंट संचालकों से हाथ मिलाया है। इससे आयशर के ग्राहकों को पूरे भारत में हजारों चार्जर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी। यह साझेदारी इलेक्ट्रिक व्यवसायिक वाहनों की दूरी से जुड़ी चिंता को कम करती है और इनके उपयोग को बढ़ावा देती है।
वोल्वो आयशर व्यवसायिक वाहन सिर्फ इलेक्ट्रिक तक सीमित नहीं है। कंपनी ने सीएनजी,एलएनजी, और हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक में भी निवेश किया है। कंपनी पहले भी आगे बढ़कर कदम उठाती रही है, जैसे 2019 में भारत स्टेज-6 वाहन लॉन्च करना।
नए वोल्वो आयशर व्यवसायिक वाहन इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करके कंपनी ने यह दिखा दिया है कि वह टिकाऊ परिवहन में अग्रणी है। विश्व ईवी दिवस 2025 पर कंपनी ने अपने ट्रक, बस और वैकल्पिक ईंधन तकनीक की प्रगति बताई, जो आने वाले समय में भारत के व्यवसायिक वाहनों का भविष्य तय करेगी।
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