परिवहन विभाग ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। योजना है कि केएसआरटीसी मैसूर डिवीजन के लिए एक ई-बस डिपो बनाया जाए। यह बन्नी मंटप में 4.5 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। यही वह जगह है जहाँ केएसआरटीसी अपने बड़े डिपो के भीतर एक नया उपनगर बस अड्डा भी बना रहा है।
नई सुविधा सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों के लिए होगी। इसमें एक अलग चार्जिंग स्टेशन होगा, ई-बसों के लिए पार्किंग स्थान, शौचालय और अन्य ज़रूरी सुविधाएँ होंगी। तैयार होने के बाद यह एक समय में 100 इलेक्ट्रिक बसों को संभाल सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे मैसूर में टिकाऊ परिवहन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
अभी मैसूर डिवीजन केएसआरटीसी डीज़ल बसें चलाता है, जिनके डिपो विजयनगर, सतगल्लि, कुवेम्पु नगर और बन्नी मंटप में हैं। प्रस्तावित डिपो सिर्फ मैसूर की ई-बसों के लिए होगा।
मैसूर डिवीजन के प्रबंधक एच. टी. वीरेश ने बताया, “विभाग ने 4.5 एकड़ जमीन की पहचान करने के बाद, मैसूर में ई-बस डिपो बनाने का प्रस्ताव पहले ही भेज दिया है।”
यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना का हिस्सा है। इस 10,500 करोड़ रुपये की योजना के तहत 2024 से 2026 के बीच 9 शहरों में, जिनमें बेंगलुरु भी शामिल है, 14,028 ई-बसें चलाई जाएँगी। इसका लक्ष्य शहरों और राजमार्गों पर 72,000 चार्जिंग पॉइंट के साथ ईवी ढाँचे का विस्तार करना है।
बेंगलुरु को पहले ही 2,000 इलेक्ट्रिक बसें मिल चुकी हैं और 2026 तक और 2,500 मिलेंगी। मैसूर को भी इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसें मिल चुकी हैं।
मैसूर ई-बस डिपो में भारी क्षमता वाले चार्जिंग प्लग होंगे, जो 145 किलोवाट इलेक्ट्रिक मोटर लगी बसों को चार्ज कर सकेंगे। योजना में शहर बस अड्डे और केएसआरटीसी उपनगर बस अड्डे पर भी चार्जिंग स्टेशन लगाने की बात है।
अधिकारियों का कहना है कि यह मैसूर में ईवी ढाँचा बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे बढ़ते इलेक्ट्रिक बस बेड़े का सुचारू संचालन होगा और मैसूर का परिवहन एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर बढ़ेगा।
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