अक्टूबर 2025: भारत के व्यवसाय वाहन बिक्री में 17.69% की वार्षिक वृद्धि

11 Nov 2025

अक्टूबर 2025: भारत के व्यवसाय वाहन बिक्री में 17.69% की वार्षिक वृद्धि

अक्टूबर 2025 में भारत के व्यवसाय वाहन बिक्री में 17.69% की बढ़त, एलसीवी और एमसीवी सेगमेंट में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज हुई।

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JS

By Jyoti

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भारत के व्यवसाय वाहन क्षेत्र ने अक्टूबर 2025 में मजबूत बढ़त दिखाई। कुल बिक्री 1,07,841 यूनिट्स रही, जबकि अक्टूबर 2024 में यह 91,635 यूनिट्स थी। यानी 17.69% की सालाना वृद्धि दर्ज हुई। महीने-दर-महीने के आधार पर भी बिक्री में 49.52% की बढ़त हुई, जो सितंबर 2025 की 72,124 यूनिट्स से कहीं अधिक रही। यह वृद्धि देशभर में बढ़ते माल ढुलाई कार्य, स्थिर वित्तीय सहायता और तेज़ी से चल रहे ढांचागत विकास कार्यों का परिणाम है।

सेगमेंट अनुसार प्रदर्शन

लाइट व्यवसाय वाहन (LCV)

लाइट व्यवसाय वाहन श्रेणी ने पूरे उद्योग की वृद्धि को आगे बढ़ाया। बिक्री 56,182 यूनिट्स से बढ़कर 72,948 यूनिट्स तक पहुंची, जो 29.84% की तेज़ वृद्धि है। ग्रामीण वितरण, ई–कॉमर्स शिपमेंट और छोटे पैमाने की लॉजिस्टिक सेवाओं ने इस मांग को बढ़ावा दिया। टियर–II और टियर–III शहरों में छोटे ट्रकों की मांग तेज़ रही। चालक इन वाहनों को उनके बेहतर माइलेज, कम खर्च और तेज़ उपयोगिता के कारण पसंद कर रहे हैं। ग्रामीण व्यापार और कृषि परिवहन में बढ़ती गतिविधियों ने इस श्रेणी की बिक्री को और मज़बूती दी।

मीडियम व्यवसाय वाहन (MCV)

मीडियम व्यवसाय वाहन श्रेणी में स्थिर और सकारात्मक रुझान रहा। बिक्री अक्टूबर 2024 की 5,992 यूनिट्स से बढ़कर अक्टूबर 2025 में 7,177 यूनिट्स तक पहुंची, यानी 19.78% की वृद्धि हुई। निर्माण सामग्री, औद्योगिक माल और क्षेत्रीय परिवहन में इन वाहनों की मांग बनी रही। कई फ्लीट मालिकों ने पुराने वाहनों को बीएस–VI मॉडलों से बदला ताकि बेहतर माइलेज और कम डाउनटाइम मिल सके। आसान फाइनेंसिंग और स्थिर मालभाड़ा दरों ने इस श्रेणी को और मज़बूती दी।

हेवी व्यवसाय वाहन (HCV)

हेवी व्यवसाय वाहन श्रेणी में इस बार थोड़ी गिरावट दर्ज हुई। बिक्री अक्टूबर 2024 की 29,376 यूनिट्स से घटकर अक्टूबर 2025 में 27,685 यूनिट्स रही, यानी 5.76% की कमी। यह गिरावट थोक माल की कमजोर मांग और कुछ परियोजनाओं में देरी के कारण आई। हालांकि, बुनियादी ढांचा और खनन परियोजनाओं के तेज़ी से बढ़ने के साथ आने वाले महीनों में सुधार की संभावना है। फ्लीट आधुनिकीकरण और डिजिटल टेलीमैटिक्स का उपयोग इस श्रेणी की दीर्घकालिक वृद्धि को समर्थन देता रहेगा।

वाहन कंपनियों का प्रदर्शन

टाटा मोटर्स ने लगभग 37,530 यूनिट्स की बिक्री के साथ अपनी बढ़त बनाए रखी, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10% अधिक है। इसका मजबूत वाहन पोर्टफोलियो छोटे से लेकर भारी ट्रकों तक फैला है। अशोक लेलैंड ने निर्माण कार्यों से जुड़ी मल्टी-एक्सल और टिपर श्रेणी में बेहतर प्रदर्शन किया। महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में छोटे वाहनों की बिक्री में बढ़त हासिल की। आइचर ट्रक्स एंड बस ने अपने ईंधन-कुशल और कनेक्टेड मॉडलों की मदद से स्थिर बिक्री दर्ज की। भारतबेंज़ के प्रीमियम ट्रकों की बिक्री में लगातार सुधार देखा गया, जिससे लम्बी दूरी के ऑपरेटरों का भरोसा बढ़ा।

वाहन निर्माताअनुमानित बिक्री (अक्टूबर 2025)वृद्धि टिप्पणी
टाटा मोटर्स~37,530 यूनिट्ससभी श्रेणियों में नेतृत्व (+10% वार्षिक वृद्धि)
अशोक लेलैंड~18,200 यूनिट्समल्टी-एक्सल और टिपर में मजबूत बिक्री
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा~15,500 यूनिट्सअर्ध-शहरी बाजार में अग्रणी
आइचर ट्रक्स एंड बस~11,000 यूनिट्सईंधन-कुशल मॉडलों से स्थिर वृद्धि
भारतबेंज़ (डेमलर इंडिया)~5,200 यूनिट्सप्रीमियम ट्रक बिक्री में निरंतर वृद्धि
अन्य (एसएमएल इसुज़ु, पियाजियो, फोर्स मोटर्स आदि)~8,400 यूनिट्ससीमित श्रेणी में स्थिर वृद्धि

क्षेत्रीय और ईंधन आधारित रुझान

इस बार भी ग्रामीण भारत ने व्यवसाय वाहन बाजार की रीढ़ साबित की। ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा बिक्री 25% बढ़ी, जबकि शहरी क्षेत्रों में 10.7% की वृद्धि रही। इससे स्पष्ट होता है कि कृषि और आंतरिक बाजारों में परिवहन गतिविधि बढ़ी है।

ईंधन के आधार पर, 81.67% वाहन डीज़ल से चलते हैं, 12.48% सीएनजी या एलपीजी से और 1.64% इलेक्ट्रिक हैं। भले ही इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी कम है, लेकिन यह पर्यावरण अनुकूल दिशा में उद्योग की आगे बढ़ती सोच को दर्शाता है।

मुख्य वृद्धि के कारण

  1. बुनियादी ढांचा निवेश: सड़कों, पुलों और औद्योगिक परियोजनाओं से माल ढुलाई में वृद्धि।
  2. माल ढुलाई में सुधार: कृषि, उपभोक्ता वस्तु और त्योहारी सीजन की लॉजिस्टिक मांग से उपयोगिता बढ़ी।
  3. वाहन आधुनिकीकरण: बीएस–VI मानकों के तहत फ्लीट परिवर्तन से बेहतर दक्षता और कम खर्च।
  4. आसान वित्त सुविधा: कम ब्याज दरें और लचीली ईएमआई योजनाएं नए खरीदारों को आकर्षित कर रही हैं।
  5. डिजिटल तकनीक: टेलीमैटिक्स और फ्लीट प्रबंधन से निगरानी और संचालन क्षमता में सुधार हुआ।

उद्योग का भविष्य दृष्टिकोण

भारत के व्यवसाय वाहन बाजार का भविष्य वित्त वर्ष 2025–26 के लिए सकारात्मक दिख रहा है। बढ़ते माल ढुलाई कार्य और निरंतर चल रहे ढांचागत प्रोजेक्ट्स इस वृद्धि को गति देंगे। लाइट और मीडियम वाहनों से निकट भविष्य में वृद्धि जारी रहेगी, जबकि हेवी वाहनों में सुधार औद्योगिक खर्च के लौटने के साथ दिखेगा।
सीएनजी, इलेक्ट्रिक और एलएनजी वाहनों की ओर धीरे-धीरे परिवर्तन जारी है। वाहन निर्माता कंपनियाँ इन तकनीकों में निवेश कर रही हैं ताकि उत्सर्जन मानकों को पूरा किया जा सके और परिचालन खर्च घटाया जा सके।

निष्कर्ष

अक्टूबर 2025 वाहन रिपोर्ट बताती है कि भारत का व्यवसाय वाहन बाजार स्थिरता और सुधार के दौर में है। कुल बिक्री में 17.69% की वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई, जिसमें लाइट और मीडियम वाहनों ने सबसे अधिक योगदान दिया। हेवी वाहनों में हल्की गिरावट के बावजूद समग्र बाजार स्वस्थ बना हुआ है।

भारत के सड़कों पर दौड़ते ये वाहन केवल माल ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी आगे बढ़ा रहे हैं। आधुनिक तकनीक, स्वच्छ ईंधन और मजबूत नेटवर्क के साथ भारत का व्यवसाय वाहन उद्योग आने वाले वर्षों में और तेज़ गति से आगे बढ़ने को तैयार है।

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