जीएसटी सुधार और इन्फ्रा विकास से आइशर मोटर्स के व्यवसाय वाहन की मांग में वृद्धि

14 Nov 2025

जीएसटी सुधार और इन्फ्रा विकास से आइशर मोटर्स के व्यवसाय वाहन की मांग में वृद्धि

जीएसटी सुधार और इन्फ्रा विकास से आइशर मोटर्स के व्यवसाय वाहन की H2 में मांग बढ़ने की उम्मीद, उपयोग में वृद्धि के साथ।

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JS

By Jyoti

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आइशर मोटर्स वित्तीय वर्ष के दूसरे छमाही (H2) में आशावादी स्थिति में प्रवेश कर रहा है। इसका कारण है दो मुख्य कारक: जीएसटी सुधार और देश में तेजी से हो रहे इन्फ्रा विकास। ये दोनों कारक मिलकर व्यवसाय वाहन की मांग को बढ़ावा दे रहे हैं।

पहली छमाही (H1) में कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शन मिश्रित रहा। हल्के और मध्यम श्रेणी के ट्रक में लगभग 9% की वृद्धि हुई। निर्यात में लगभग 40% की बढ़ोतरी हुई। बसों की बिक्री 7–8% बढ़ी। छोटे व्यवसाय वाहन में लगभग 6–7% की बढ़ोतरी हुई। ये आंकड़े बताते हैं कि बाजार स्थिर है और मांग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। आइशर मोटर्स, अपनी विस्तृत वाहन श्रृंखला के साथ, इस सुधार का लाभ उठाने के लिए तैयार है।

H2 के दृष्टिकोण में दो मुख्य कारक महत्वपूर्ण हैं। पहला, सरकार का इन्फ्रा विकास पर जोर। सड़क निर्माण, लॉजिस्टिक कॉरिडोर और औद्योगिक क्षेत्र के विकास से अधिक माल परिवहन की जरूरत बढ़ रही है। हर नया प्रोजेक्ट व्यवसाय वाहन की मांग को बढ़ाता है। आइशर मोटर्स, अपने भरोसेमंद ट्रक और मजबूत सेवा नेटवर्क के साथ, इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।

दूसरा, जीएसटी सुधार। दरों का समायोजन और सरल नियम व्यवसायियों को कम झंझट और तेज संचालन की सुविधा देगा। राज्यों के बीच आसान परिवहन और कम खर्च से वाहन का उपयोग बढ़ेगा और नए वाहन खरीदने की संभावना बढ़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, पहले से हुए जीएसटी सुधार ने पहले ही खपत में सुधार किया है।

H2 में एक महत्वपूर्ण कारक बढ़ती वाहन उपयोग दर है। कई व्यवसाय अब अपने ट्रक महीने में 20,000–25,000 किलोमीटर चला रहे हैं, जबकि पहले यह लगभग 10,000–12,000 किलोमीटर थी। अधिक उपयोग से वाहन जल्दी पुराने हो जाते हैं और उन्हें बदलने की आवश्यकता बढ़ती है। आइशर के वाहन, टेलीमैटिक्स और पूर्वानुमानित रखरखाव तकनीक के साथ, इस आवश्यकता को पूरा करते हैं।

वित्तीय आंकड़े भी इस उम्मीद को मजबूत करते हैं। दूसरी तिमाही में राजस्व 6,106 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की तुलना में 10% अधिक था। शुद्ध लाभ 249 करोड़ रुपये था, लगभग 20% की बढ़ोतरी के साथ। पहली छमाही में राजस्व 11,777 करोड़ रुपये था, जो 11% की वृद्धि दर्शाता है। ये आंकड़े बताते हैं कि आइशर मोटर्स H2 की अवसरों के लिए मजबूती से तैयार है।

आगे देखते हुए, हल्के और मध्यम श्रेणी के ट्रक और निर्यात व्यवसाय वृद्धि के मुख्य चालक होंगे। भारी श्रेणी के ट्रक में अपेक्षाकृत मध्यम वृद्धि हो सकती है, क्योंकि अब बाजार उच्च क्षमता वाले विकल्पों की ओर झुक रहा है। ये विकल्प कम संख्या में हो सकते हैं, लेकिन अधिक माल ले जाने की क्षमता रखते हैं।

कुल मिलाकर, जीएसटी सुधार, इन्फ्रा विकास और बढ़ती वाहन उपयोग दर मिलकर आइशर मोटर्स के व्यवसाय वाहन की मांग के लिए अनुकूल परिस्थितियां बना रहे हैं। अगर ये प्रवृत्तियां जारी रहती हैं, तो H2 में बाजार में स्थिर सुधार और आइशर मोटर्स के लिए मजबूत वृद्धि देखने को मिलेगी।

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