अशोक लेलैंड वाइकिंग सीएनजी : अंतर-शहरी व्यवसाय बसों के लिए एक समझदार विकल्पअशोक लेलैंड वाइकिंग सीएनजी : अंतर-शहरी व्यवसाय बसों के लिए एक समझदार विकल्प

07 Aug 2025

अशोक लेलैंड वाइकिंग सीएनजी : अंतर-शहरी व्यवसाय बसों के लिए एक समझदार विकल्प

अशोक लेलैंड वाइकिंग सी॰एन॰जी॰ एक भरोसेमंद, किफायती और स्वच्छ उत्सर्जन देने वाली अंतर-शहरी व्यवसाय बस है। व्यवसाय बस भारत

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JS

By Jyoti

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भारत के परिवहन क्षेत्र में बदलाव के इस दौर में व्यवसाय बस ऑपरेटरों के सामने एक बड़ा सवाल है – कैसे ऐसी बसें चलाएं जो साफ, किफायती और भरोसेमंद हों। डीज़ल की बढ़ती कीमतें, सख़्त उत्सर्जन नियम और संचालन लागत में इज़ाफ़ा ने पारंपरिक डीज़ल मॉडल को कमज़ोर बना दिया है। ऐसे माहौल में, अशोक लेलैंड वाइकिंग सीएनजी सिर्फ़ एक नया विकल्प नहीं बल्कि ज़रूरी बदलाव जैसा लगता है। वर्षों से परखे गए वाइकिंग प्लेटफॉर्म पर आधारित यह बस, अब नवीनतम पीढ़ी के सीएनजी इंजन के साथ आती है, जो इसे भविष्य के लिए उपयुक्त बनाता है।

विरासत और बदलाव

अशोक लेलैंड वाइकिंग पिछले कई दशकों से सरकारी और निजी ऑपरेटरों की पहली पसंद रही है। पहले यह मध्यम से लंबी दूरी की यात्रा के लिए फ्रंट इंजन चेसिस के रूप में आई थी। समय के साथ इसमें बेहतर सस्पेंशन, मज़बूत ढांचा और चालक-हितैषी सुविधाएं जुड़ती गईं, जिससे यह राज्यों में एक भरोसेमंद वाहन बन गई।

अब सीएनजी संस्करण में, यह परंपरा एक नए रूप में जारी है। यह बस अंतर-शहरी रूट, शहरों के भीतर और स्टेज-कैरियर सेवाओं में आसानी से काम कर रही है। इसमें पुरजों की गुणवत्ता, मज़बूत इंजीनियरिंग और बैठने की विभिन्न व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है। ऑपरेटर इस पर भरोसा करते हैं क्योंकि यह बिना ज़रूरी बदलाव किए निरंतर सुधार करती है।

इंजन जो खर्च घटाए

इस वाइकिंग सीएनजी बस में 6-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड एच-सीरीज़ इंजन दिया गया है, जो 216 हॉर्सपावर और 700 न्यूटन मीटर टॉर्क देता है। आमतौर पर सीएनजी इंजन में टॉर्क की कमी देखी जाती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। यह बस न तो ताक़त खोती है और न ही उत्सर्जन बढ़ाती है। यह बीएस-6 मानकों पर खरी उतरती है, वो भी डीज़ल इंजन की तरह जटिल ट्रीटमेंट सिस्टम के बिना।

इंजन से जुड़ा 6-स्पीड सिंक्रोमेश गियरबॉक्स है, जिसमें केबल शिफ्ट है। गियर बदलना आसान है। लंबे हाइवे रूट पर यह बस कम ईंधन में लगातार रफ्तार बनाए रखती है। डीज़ल के मुकाबले सीएनजी ईंधन की लागत कम होती है और इंजन ऑयल बदलने का अंतराल भी ज़्यादा होता है, जिससे कुल मिलाकर संचालन खर्च घटता है।

यात्रियों के लिए आराम और सुरक्षा

यात्री टॉर्क नहीं मापते, वे आराम देखते हैं। वाइकिंग सीएनजी यह आराम देती है। इसके सस्पेंशन में टेलीस्कोपिक शॉक एब्ज़ॉर्बर और सेमी-एलीप्टिक लीफ स्प्रिंग्स लगे हैं, जो भार उठाने में संतुलन बनाए रखते हैं। इसका 2500 मिमी चौड़ा ढांचा 2x2 और 3x2 सीट व्यवस्था में उपलब्ध है। इसकी बैठने की क्षमता D+58 तक है, जिससे यह मध्यम से भारी यात्री संख्या वाले रूटों के लिए उपयुक्त है।

इंजन आगे की तरफ़ होने के कारण यात्री क्षेत्र में कम गर्मी और शोर पहुंचता है। बड़ी विंडशील्ड और कम शोर- कंपन स्तर इसे लंबी यात्रा के लिए आरामदायक बनाते हैं।

सुरक्षा सुविधाएं:

  • एबीएस ब्रेकिंग सिस्टम
  • एंटी-रोल बार
  • आपातकालीन निकास द्वार
  • अग्निशामक यंत्र और प्राथमिक उपचार किट

ये सभी सुविधाएं अनिवार्य हैं और राज्य परिवहन नियमों के अनुरूप हैं।

डेटा, निगरानी और बेड़े पर नियंत्रण

अशोक लेलैंड अपने सभी व्यवसाय वाहनों में आई-अलर्ट टेलीमैटिक्स प्लेटफॉर्म देती है। इसके माध्यम से ऑपरेटर ईंधन की खपत, रूट की निगरानी और वाहन की निष्क्रियता को ट्रैक कर सकते हैं। तुरंत मिलते डायग्नोस्टिक अलर्ट रखरखाव को आसान बनाते हैं।

आई-अलर्ट की मदद से बेड़े प्रबंधक सिर्फ अनुमान नहीं लगाते, बल्कि समय पर कदम उठाते हैं। वे रिफ्यूलिंग की योजना बना सकते हैं, चालक के व्यवहार की निगरानी कर सकते हैं और अलग-अलग रूट पर प्रदर्शन की तुलना कर सकते हैं।

सीएनजी ढांचा और उपयुक्तता

सीएनजी बसें उन जगहों पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं जहां ईंधन की सुविधा उपलब्ध हो। भारत में सीएनजी नेटवर्क तेज़ी से बढ़ रहा है। जैसे दिल्ली से आगरा, मुंबई से पुणे, लखनऊ से कानपुर जैसे रूट पर इसकी अच्छी पहुँच है।

वाइकिंग सीएनजी में 720 लीटर की सीएनजी टंकी दी गई है, जो लंबी दूरी के लिए उपयुक्त है। कुशल ड्राइविंग से पूरी शिफ्ट बिना रिफ्यूलिंग के पूरी हो सकती है। यह रात्रिकालीन सेवाओं और तय रूट पर चलने वाले अनुबंधों के लिए बेहतरीन है।

जहां सीएनजी की सुविधा नहीं है, वहां हाइब्रिड मॉडल एक विकल्प हो सकते हैं, लेकिन जहां सुविधा है, वहां सीएनजी डीज़ल से बेहतर है – लागत, उत्सर्जन और रखरखाव के मामले में।

प्रमुख विशेषताएं

फीचरविवरण
ईंधन प्रकारसंपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी)
इंजन शक्ति216 हॉर्सपावर
टॉर्क700 न्यूटन मीटर
उत्सर्जन मानकबीएस-6 अनुकूल
व्हीलबेस5639 मिमी
अधिकतम वजन16200 किलोग्राम
सीट क्षमताD+58 (कस्टमाइज़ की जा सकती है)
ईंधन टंकी क्षमता720 लीटर
सस्पेंशनफ्रंट व रियर सेमी-एलीप्टिक स्प्रिंग्स
गियरबॉक्स6-स्पीड मैनुअल, केबल शिफ्ट
अतिरिक्त सुविधाएंएबीएस, आई-अलर्ट, सुरक्षा उपकरण

मूल्य और वित्तीय सुविधा

अशोक लेलैंड बसों की कीमत क्षेत्र, वेरिएंट और बॉडी बिल्डर पर निर्भर करती है। फिर भी वाइकिंग सीएनजी अपने वर्ग में प्रतिस्पर्धी कीमत पर उपलब्ध है। जो ऑपरेटर डीज़ल से सीएनजी में बदलाव करते हैं, वे 2 से 3 साल के भीतर लागत में बचत करके अपने निवेश की भरपाई कर सकते हैं।

अशोक लेलैंड की कई वित्तीय संस्थानों से साझेदारी है, जिससे किस्त पर ख़रीद, लीज़ और भुगतान स्थगन जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। छोटे ऑपरेटर भी अब एक साथ कई बसें ख़रीद सकते हैं।

किसके लिए उपयुक्त है वाइकिंग सीएनजी?

  • राज्य परिवहन निगम – जहां बी॰एस॰-6 मानकों का पालन और ईंधन बचत अनिवार्य है
  • निजी अंतर-शहरी ऑपरेटर – जो अधिक यात्री और लंबी दूरी वाले तय समय के रूट पर काम करते हैं
  • शैक्षणिक संस्थान – जहाँ नियमित स्टाफ और छात्र परिवहन होता है
  • पर्यटन सेवाएं – जो शांत और स्वच्छ यात्रा विकल्प चाहते हैं
  • शहरी बेड़े ऑपरेटर – जिन्हें नियमों के अनुसार भरोसेमंद और बड़े पैमाने पर चलने वाला बस प्लेटफॉर्म चाहिए

निष्कर्ष

अशोक लेलैंड वाइकिंग सीएनजी केवल उत्सर्जन कम नहीं करता, बल्कि संचालन से जुड़ी चिंताओं को भी दूर करता है। हर गियर बदलते समय, चालक को सुविधा का अहसास होता है। हर किलोमीटर पर ऑपरेटर को लागत में बचत दिखाई देती है। और हर यात्री सफर में यह सिद्ध करता है कि स्वच्छ ऊर्जा और अच्छा प्रदर्शन साथ चल सकते हैं।

भारत के अंतर-शहरी व्यवसाय रूटों के लिए, जहां बजट सीमित है, अपेक्षाएं ऊँची हैं और रास्ते कठिन हैं — वाइकिंग सीएनजी एक समझदारी नहीं, एक ज़रूरी निर्णय है।

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