भारत में अब शहरी परिवहन को स्वच्छ बनाने की ओर ध्यान दिया जा रहा है। इसी में तिपहिया वाहन बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस श्रेणी में दो प्रमुख यात्री वाहन हैं – महिंद्रा अल्फा पैसेंजर डीएक्स (डीज़ल) और मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो (इलेक्ट्रिक)। यह लेख इन दोनों की ताकत, माइलेज, लागत और शहरों के लिए कितने उपयोगी हैं – इन बातों की तुलना करता है।
महिंद्रा अल्फा डीएक्स में 597 सीसी का डीज़ल इंजन होता है जो 9.4 हॉर्सपावर ताकत और 23.5 न्यूटन मीटर टॉर्क देता है। यह थोड़ा लंबी दूरी तय करने के लिए बढ़िया है।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो में लिथियम आयन बैटरी और 3.5 किलोवॉट मोटर होती है जो भारी ट्रैफिक में तुरंत टॉर्क देती है, जिससे गाड़ी फुर्ती से चलती है। डीज़ल इंजन थोड़ा धीमा लगता है, जबकि इलेक्ट्रिक गाड़ी झट से स्पीड पकड़ लेती है।
महिंद्रा अल्फा डीएक्स एक बार टंकी भरने पर लगभग 350 किलोमीटर चलता है।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो एक बार चार्ज करने पर लगभग 150 किलोमीटर चलता है। इसे सामान्य चार्जर से 4-5 घंटे में चार्ज किया जा सकता है। फास्ट चार्जर से और जल्दी हो सकता है।
डीज़ल में दूरी ज़्यादा मिलती है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन में खर्च कम होता है और ज़्यादा समय तक चलता है (कम ब्रेकडाउन)।
महिंद्रा अल्फा डीएक्स की शुरुआती कीमत करीब ₹2.90 लाख है।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो की कीमत ₹3.80 लाख से शुरू होती है।
हालाँकि शुरुआत में इलेक्ट्रिक महँगा लगता है, लेकिन इसके संचालन का खर्च बहुत कम है – सिर्फ ₹0.50 प्रति किलोमीटर। इसमें रख-रखाव भी कम है और सरकार की तरफ से सब्सिडी भी मिलती है।
150 किलोमीटर प्रतिदिन की यात्रा करने वालों के लिए यह 2-3 साल में ज़्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
अल्फा डीएक्स मजबूत स्टील बॉडी और साधारण सीटों के साथ आती है। इसका सस्पेंशन (झटका कम करने वाली व्यवस्था) मजबूत है, खासकर अर्ध-शहरी इलाकों के लिए।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो में आधुनिक सस्पेंशन, डिजिटल डैशबोर्ड, बिना आवाज़ चलने की सुविधा और कम कंपन मिलते हैं। इससे यात्रियों को ज़्यादा आरामदायक सफर मिलता है, जो ऐप आधारित व्यवसाय के लिए फायदेमंद है।
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक गाड़ी से कोई धुआँ या प्रदूषण नहीं निकलता, इसलिए इसे सरकार की फेम-दो योजना के तहत प्रोत्साहन भी मिलता है।
अल्फा डीएक्स, भले ही बीएस-6 मानक पर हो, फिर भी इसमें सीओ₂ और अन्य प्रदूषणकारी तत्व निकलते हैं। शहरी क्षेत्रों में जहाँ नियम सख्त हैं, वहाँ इलेक्ट्रिक गाड़ी ही भविष्य है।
ग्रामीण क्षेत्र जहाँ चार्जिंग की सुविधा नहीं है, वहाँ महिंद्रा अल्फा डीएक्स बेहतर है। इसकी टंकी भराने की सुविधा और दूरी की क्षमता ज़्यादा है।
शहरों, ई-कॉमर्स डिलीवरी या अंतिम मील की सवारी के लिए मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो ज़्यादा फायदेमंद, आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल है।
महिंद्रा अल्फा डीएक्स खरीदें अगर:
मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो खरीदें अगर:
महिंद्रा अल्फा डीएक्स जैसे डीज़ल वाहन आज भी ज़रूरी हैं, लेकिन भविष्य साफ़ और कुशल गाड़ियों का है जैसे कि मॉन्ट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो। जैसे-जैसे शहर बढ़ रहे हैं और इलेक्ट्रिक वाहन के लिए ढांचा बन रहा है, अब इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना सिर्फ प्रयोग नहीं, बल्कि एक समझदारी भरा व्यवसायिक निर्णय है।वाणिज्यिक गाड़ियों और ऑटोमोबाइल से जुड़ी नई जानकारियों के लिए 91ट्रक्स के साथ जुड़े रहें। हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें और फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर हमें फॉलो करें, ताकि आपको ताज़ा वीडियो, खबरें और ट्रेंड्स मिलते रहें।
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