भारत की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ईकेए मोबिलिटी ने इथियोपिया की कंपनी केर्चान्शे ट्रेडिंग पीएलसी के साथ एक समझौता किया है। यह समझौता दुबई में हुआ, जिसका उद्देश्य इथियोपिया और उसके आस-पास के देशों में इलेक्ट्रिक बसों और व्यवसाय वाहन का वितरण, असेंबली (जोड़ने का काम) और रख-रखाव करना है।
दोनों कंपनियां मिलकर इथियोपिया में एक स्थानीय असेंबली प्लांट बनाएंगी। इस प्लांट से ईकेए मोबिलिटी द्वारा डिजाइन की गई गाड़ियाँ स्थानीय स्तर पर जोड़ी जा सकेंगी। इससे आयात लागत कम होगी और वाहनों की डिलीवरी जल्दी होगी। यह प्लांट पूरे क्षेत्र में वितरण और सेवा नेटवर्क का केंद्र भी बनेगा।
ईकेए मोबिलिटी इलेक्ट्रिक बसें, 3-पहिया वाहन और छोटे व्यवसाय वाहन बनाती है। इसके पीछे मित्सुई एंड कंपनी, वीडीएल ग्रूप और पिनेकल इंडस्ट्रीज जैसे निवेशक हैं। कंपनी ऐसे वाहन प्लेटफॉर्म और निर्माण तकनीक का इस्तेमाल करती है जिससे वाहन चलाने की लागत कम हो सके।
केर्चान्शे ट्रेडिंग पीएलसी पूर्वी अफ्रीका में लॉजिस्टिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और कॉफी निर्यात जैसे क्षेत्रों में काम करती है। इस समूह को वाहन असेंबली और उद्योग चलाने का पहले से अनुभव है, जो इस साझेदारी में उपयोगी होगा।
ईकेए मोबिलिटी के अध्यक्ष डॉ. सुधीर मेहता ने कहा कि इथियोपिया में औद्योगिक आधार मजबूत हो रहा है और स्वच्छ ऊर्जा पर ज़ोर दिया जा रहा है। पूर्वी अफ्रीका की स्थानीय स्थितियाँ क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी समाधान के पक्ष में हैं।
केर्चान्शे ग्रुप के सीईओ इज़राइल डेगेफा ने कहा कि यह साझेदारी ईवी तकनीक को स्थानीय बाज़ार की समझ के साथ जोड़ती है। उन्होंने औद्योगिक विकास और इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
यह समझौता वैश्विक परिवहन क्षेत्र में हो रहे बड़े बदलाव का हिस्सा है, जहाँ इलेक्ट्रिक व्यवसाय वाहन अब नीति और निवेश का केंद्र बनते जा रहे हैं। जैसे कि ओसाका एक्सपो 2025 में हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रैक्टर और व्यवसाय वाहन दिखाए जाएंगे, यह दिखाता है कि दुनिया अब पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों से आगे बढ़ रही है।
भारत में भी यही हो रहा है, जहाँ ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर लोकप्रिय हो रहे हैं। अगर ये बदलाव पूर्वी अफ्रीका में भी अपनाए गए, तो वहाँ की कृषि और अंतिम मील परिवहन के क्षेत्र में बड़ा असर दिख सकता है। हालाँकि ईकेए–केर्चान्शे समझौते के लंबे समय तक क्या नतीजे होंगे, यह कहना जल्दी होगा, लेकिन स्थानीय असेंबली और सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना इस क्षेत्र में हरित व्यवसाय परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।
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