स्वीडन की ट्रक निर्माता कंपनी स्केनिया ने भारतीय ट्रक बाजार में अपनी मौजूदगी को फिर से मजबूत करने की योजना बनाई है। कंपनी का लक्ष्य फ्लीट ऑपरेटर, लॉजिस्टिक कंपनियां और क्षेत्रीय डीलरों को टारगेट करना है, ताकि व्यवसाय वाहन क्षेत्र की बदलती जरूरतों को पूरा किया जा सके।
भारत का माल और व्यवसाय परिवहन उद्योग लगातार बढ़ रहा है। इसके पीछे ई-कॉमर्स का विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और सड़क परिवहन को समर्थन देने वाली सरकारी नीतियां हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे मार्ग और भारी वाहनों के लिए ईंधन बचत करने वाले और उच्च प्रदर्शन वाले ट्रकों की मांग बढ़ रही है।
अपनी रणनीति के तहत, स्केनिया ऐसे वाहन पेश करेगी जिनमें फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम, रियल-टाइम टेलीमैटिक्स और ड्राइवर सहायता तकनीकें हों। इससे संचालन की क्षमता, सुरक्षा और फ्लीट मैनेजमेंट बेहतर होगा। इसके अलावा, कंपनी स्थानीय सेवा नेटवर्क और मेंटेनेंस सुविधाओं को भी मजबूत करेगी, जिसमें पार्ट्स की लोकल उत्पादन शामिल है, ताकि क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा किया जा सके।
कंपनी हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक ट्रक विकल्पों पर भी विचार कर रही है, ताकि पर्यावरणीय जरूरतों और हरित परिवहन की दिशा में चल रहे उद्योग प्रवृत्तियों को पूरा किया जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि स्केनिया की भारत में रुचि बढ़ी है क्योंकि स्थानीय और वैश्विक व्यवसाय वाहन निर्माता कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा भी तेज हो रही है।
विश्लेषक मानते हैं कि कंपनी की वापसी भारी ट्रक बाजार पर असर डालेगी, खासकर क्योंकि फ्लीट ऑपरेटर अब संचालन क्षमता, स्वामित्व लागत और नियमों का ध्यान रखते हुए खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि इसका पूरा प्रभाव अभी सामने आना बाकी है, स्केनिया की यह पहल भारत के व्यवसाय वाहन बाजार में जारी बदलाव को दिखाती है।
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