जीएसटी कटौती और आसान कर्ज से बढ़ेगा व्यवसाय वाहन उद्योग: अशोक लेलैंडजीएसटी कटौती और आसान कर्ज से बढ़ेगा व्यवसाय वाहन उद्योग: अशोक लेलैंड

19 Aug 2025

जीएसटी कटौती और आसान कर्ज से बढ़ेगा व्यवसाय वाहन उद्योग: अशोक लेलैंड

अशोक लेलैंड का मानना है कि जीएसटी कटौती और आसान कर्ज से व्यवसाय वाहन उद्योग में मांग और ग्रोथ तेज़ हो सकती है।

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PV

By Pratham

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नीति बदलाव से बढ़ सकती है इंडस्ट्री की रफ्तार

भारत का व्यवसाय वाहन (सीवी) उद्योग अब सुधार की ओर बढ़ता दिख रहा है। अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी, शेनु अग्रवाल का मानना है कि दो बड़े कदम इस उद्योग की दिशा बदल सकते हैं — वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती और आसान कर्ज (क्रेडिट) उपलब्ध कराना।

अग्रवाल के अनुसार, ये दोनों कदम केवल बाजार की भावना को ही नहीं बढ़ाएँगे बल्कि मांग में तेजी लाकर वित्त वर्ष 26 और 27 में उद्योग की नई ग्रोथ तय कर सकते हैं।

अभी की स्थिति

आज व्यवसाय वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जो कर ढांचे में सबसे ऊँचे दरों में से एक है। अगर इसे घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाए तो यह खरीदारों के लिए बड़ी राहत होगी। इससे गाड़ियाँ खरीदना सस्ता होगा, मांग बढ़ेगी और देशभर में माल ढुलाई का काम भी तेज होगा।

फाइनेंसिंग की अहम भूमिका

केवल कर में राहत से काम नहीं चलेगा। इस उद्योग में फाइनेंसिंग यानी कर्ज की सुविधा बहुत जरूरी है। अभी 90 प्रतिशत से ज्यादा सीवी की खरीद कर्ज पर होती है। इसलिए सबकी नजर भारतीय रिज़र्व बैंक के उन कदमों पर है जो कर्ज के प्रवाह को आसान बना सकते हैं।

अगर कर्ज आसानी से मिलने लगे तो अग्रवाल का मानना है कि मांग तुरंत बढ़ जाएगी। अभी ऊँची कीमतें और सख्त फाइनेंसिंग, दोनों ही उद्योग की ग्रोथ रोक रहे हैं। इन दोनों अड़चनों को एक साथ दूर करने से उद्योग की रिकवरी तेज होगी।

कठिन दौर में भी मजबूत रहा अशोक लेलैंड

चुनौतीपूर्ण तिमाही में भी अशोक लेलैंड ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी ने मीडियम और हैवी व्यवसाय वाहन (एमएचसीवी) श्रेणी में 1.3 प्रतिशत की बढ़त हासिल की, जिसमें ट्रक बिक्री में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि रही।

बस सेगमेंट में थोड़ी गिरावट दिखी क्योंकि मांग तैयार बसों की ओर झुकी। दूसरी तरफ, डिफेन्स कारोबार कंपनी की बड़ी ताकत बना हुआ है। पिछले साल के बड़े ऑर्डर की वजह से इस बार साल-दर-साल राजस्व थोड़ा कम हुआ, लेकिन करीब 1000 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक अभी भी मजबूत है। अग्रवाल को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में डिफेन्स कारोबार से 25–30 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो पुराने और नए दोनों तरह के ऑर्डरों से समर्थित होगी।

निष्कर्ष

व्यवसाय वाहन उद्योग को बस एक बड़े धक्के की जरूरत है। कम जीएसटी और आसान फाइनेंसिंग वही धक्का दे सकते हैं। इससे खरीदारों पर बोझ घटेगा, माल ढुलाई बढ़ेगी और बिक्री तेज होगी। अशोक लेलैंड के लिए तस्वीर और भी बेहतर दिख रही है क्योंकि कंपनी एमएचसीवी में मजबूत है, डिफेन्स से अच्छे ऑर्डर आ रहे हैं और अनुशासित तरीके से काम हो रहा है।

नोट: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। इसे निवेश सलाह न समझें। निवेश से पहले खुद शोध करें या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

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