भारत में व्यवसाय वाहन क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव हुआ है। सेंसराइज कंपनी ने लोकोनैव के भारत में चल रहे सभी कामों को पूरी तरह से खरीद लिया है। यह अधिग्रहण अक्टूबर 2025 में पूरा हुआ और इसका मकसद वाहन ट्रैकिंग और बेड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में सेंसराइज की स्थिति को और मजबूत करना है।
इसके साथ ही सेंसराइज ने एक नया कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित प्लेटफॉर्म ईगल.एआई भी शुरू किया है। यह प्लेटफॉर्म परिवहन व्यवसाय, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और बेड़ा मालिकों के लिए बनाया गया है ताकि वे अपने काम को अधिक कुशलता से चला सकें। यह पारंपरिक टेलीमैटिक्स समाधानों से काफी आगे है और इसमें रियल-टाइम डेटा विश्लेषण, भविष्यवाणी पर आधारित रखरखाव और चालक की गतिविधियों पर नज़र रखने की सुविधा है।
इस अधिग्रहण से सेंसराइज को लोकोनैव के हज़ारों व्यवसाय वाहनों और मौजूदा ग्राहकों तक सीधा पहुंच मिल जाएगी। लोकोनैव पहले से भारत में जो ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर चला रहा था, वह अब सेंसराइज के काम में आएगा।
ईगल.एआई की मदद से उपयोगकर्ता वाहन की गतिविधियों, ईंधन की खपत, सर्विस का समय और नियमों के पालन की रिपोर्ट रियल-टाइम में देख सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म पुराने हार्डवेयर के साथ भी काम करेगा, जिससे लोकोनैव के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को इसे अपनाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
कंपनी ने बताया है कि अगले कुछ महीनों में सभी लोकोनैव ग्राहक ईगल.एआई पर शिफ्ट हो जाएंगे और उन्हें पूरा तकनीकी सहयोग मिलेगा। ट्रैकिंग डिवाइस और मौजूदा सेवाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहेंगी।
यह अधिग्रहण उद्योग में चल रहे बदलावों को भी दिखाता है। जैसे-जैसे व्यवसाय वाहन और बेड़े बड़े होते जा रहे हैं, मालिक अब स्मार्ट सॉफ़्टवेयर की मांग कर रहे हैं ताकि खर्च, समय और सरकारी नियमों का अच्छे से पालन हो सके। ईगल.एआई में सेंसर और एआई को मिलाकर यह सारी ज़रूरतें पूरी करने की कोशिश की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत में वाहन ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर का भविष्य तय होगा, खासकर लॉजिस्टिक्स, खनन और सार्वजनिक परिवहन जैसे क्षेत्रों में। साथ ही, सरकार द्वारा बेड़े की सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के नियमों को देखते हुए, ऐसे प्लेटफॉर्म 2025 में बेड़ा प्रबंधन के लिए एक नया मानक बन सकते हैं।
फिलहाल लोकोनैव उपयोगकर्ताओं के लिए सेवाओं में कोई बदलाव या कीमत में बढ़ोतरी नहीं की गई है। सेंसराइज ने यह जरूर कहा है कि ईगल.एआई को डेटा सुरक्षा, बड़े स्तर पर उपयोग और स्थानीय भाषाओं के समर्थन के साथ अपडेट किया जाएगा, ताकि यह भारत के विविध परिवहन कामकाज की ज़रूरतों को पूरा कर सके।
इस सौदे से भारत के जुड़े हुए मोबिलिटी क्षेत्र में और अधिग्रहण देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि अब मुकाबला उन प्लेटफॉर्मों के बीच होगा जो हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर और डेटा विश्लेषण को एक ही जगह ला सकें।
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