जम्मू और कश्मीर के सेब किसानों को बड़ी राहत, 150 ट्रक परिवहन के लिए भेजे गएजम्मू और कश्मीर के सेब किसानों को बड़ी राहत, 150 ट्रक परिवहन के लिए भेजे गए

23 Sep 2025

जम्मू और कश्मीर के सेब किसानों को बड़ी राहत, 150 ट्रक परिवहन के लिए भेजे गए

जम्मू और कश्मीर के सेब किसानों को राहत, 150 आरटीसी ट्रक ताजा सेब मंडियों तक पहुंचाने के लिए भेजे गए।

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PV

By Pratham

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जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने हाल ही में 150 रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (आरटीसी) ट्रक लगाए हैं, ताकि यहां के ताजे सेब देशभर की मंडियों तक समय पर पहुंच सकें। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि निजी ट्रकों का किराया बहुत अधिक था और परिवहन में देरी से सेब को भारी नुकसान हुआ है।

राइजिंग कश्मीर से बात करते हुए जम्मू और कश्मीर के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री सतीश शर्मा ने कहा, “प्राकृतिक आपदा और हाईवे बंद होने की वजह से कई उगाने वालों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। माननीय मुख्यमंत्री ने हमें तुरंत योजना बनाने का निर्देश दिया है ताकि उन्हें बचाया जा सके। हमें ज्यादा किराया वसूलने की शिकायतें भी मिलीं। इस समस्या को हल करने के लिए परिवहन विभाग ने राशन आपूर्ति से पहले फलों के परिवहन को प्राथमिकता दी है।”

मंत्री ने आगे बताया कि 150 से अधिक आरटीसी ट्रक पहले ही अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और सोपोर की प्रमुख मंडियों के लिए रवाना किए जा चुके हैं। सरकार के इस कदम से समय पर ट्रांसपोर्ट सुनिश्चित होगा, परेशानी कम होगी और सेब उगाने वालों का आर्थिक शोषण रुकेगा। उन्होंने कहा, “हमने अलग-अलग जिलों से ट्रक भेजने शुरू कर दिए हैं और मांग के अनुसार यह सेवा जारी रहेगी। सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और चौबीसों घंटे मदद देती रहेगी।”

शर्मा ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ ऑनलाइन बैठक की। इसमें तत्काल सड़क मरम्मत और दीर्घकालिक राहत उपायों पर चर्चा हुई।

आरटीसी ट्रकों की शुरुआत यह भी दिखाती है कि भारत की कृषि में व्यवसायिक वाहनों की कितनी अहम भूमिका है। किसान समय पर अपनी उपज मंडी तक पहुंचा सकते हैं, ट्रक किराए नियंत्रित रहते हैं और डिलीवरी की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। यह पहल यह भी बताती है कि व्यवसायिक ट्रक आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर बनाते हैं, जिससे नाश होने वाले फलों की गुणवत्ता बनी रहती है और ताजे सेब बिना नुकसान के मंडियों तक पहुंचते हैं।

सरकार ने निजी ट्रक सेवाओं की बजाय आरटीसी ट्रकों को चुनकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि उपभोक्ताओं के लिए सेब की कीमतें स्थिर रहें, किसानों की आजीविका सुरक्षित रहे और भारत में कृषि उत्पादों की डिलीवरी प्रणाली मजबूत हो। इस तरह सरकार व्यवसायिक ट्रकों का उपयोग समय पर, सस्ती लागत पर और पारदर्शिता के साथ उत्पाद पहुंचाने के लिए कर रही है।

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