दिल्ली में व्यवसाय वाहनों की जांच व्यवस्था अब और बेहतर होने वाली है। परिवहन विभाग जल्द ही नंद नगरी बस डिपो के पास शहर का दूसरा ऑटोमेटेड जांच केंद्र बनाना शुरू करेगा।
फिलहाल, दिल्ली में व्यवसाय वाहन मालिकों को झुझ्झूली में बने एकमात्र ऑटोमेटेड जांच केंद्र में जांच कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। एक अधिकारी ने बताया, "झुझ्झूली का एकमात्र ऑटोमेटेड सेंटर बहुत भीड़भाड़ वाला हो गया है, और जांच की तारीख पाने में कई दिन लग जाते हैं। इस कारण कई वाहन मालिक अपने व्यवसाय वाहनों की जांच और परमिट नवीनीकरण के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं। इससे उन्हें परेशानी होती है और विभाग को भी नुकसान होता है।"
दिल्ली में करीब 4,50,000 व्यवसाय वाहन हैं, जैसे ट्रक, बसें, टैक्सी और माल ढोने वाले वाहन, जिन्हें हर साल जांच की आवश्यकता होती है। झुझ्झूली सेंटर एक साल में सिर्फ करीब 2,00,000 वाहन ही जांच सकता है। इस कारण कई व्यवसाय परिवहन ऑपरेटर अपने वाहन दिल्ली के बाहर जांच कराते हैं।
नया ऑटोमेटेड जांच केंद्र बनकर तैयार होने के बाद हर साल 72,000 व्यवसाय वाहनों की जांच कर सकेगा। इसमें 4 जांच लेन होंगी, जिससे एक साथ 4 व्यवसाय वाहनों की जांच हो सकेगी। इसका निर्माण कार्य 2 से 3 महीनों में पूरा हो जाएगा और इसकी लागत करीब ₹2.5 करोड़ आएगी।
अधिकारियों ने बताया कि यह नया केंद्र जांच में देरी को कम करेगा और झुझ्झूली की भीड़ भी घटाएगा। इससे विभाग को जो नुकसान हो रहा था, वह भी रुकेगा। अनुमान है कि कम से कम ₹3 करोड़ की राशि जो अभी अन्य राज्यों में जा रही है, वह वापस दिल्ली के खाते में आएगी।
पिछले साल केंद्र सरकार ने नियम बनाया था कि अब सभी राज्यों को परमिट सिर्फ ऑटोमेटेड जांच के आधार पर ही जारी करने होंगे। इस नए नियम से दिल्ली के एकमात्र सेंटर पर दबाव बहुत बढ़ गया है। हालांकि कानून यह भी अनुमति देता है कि वाहन मालिक अपने वाहन की जांच और परमिट राज्य से बाहर भी करवा सकते हैं।
इस नए केंद्र के जरिए दिल्ली सरकार व्यवसाय ट्रक, व्यवसाय बस और अन्य व्यवसाय वाहनों के मालिकों को बेहतर सुविधा देना चाहती है। साथ ही, यह दिल्ली की बढ़ती व्यवसाय परिवहन व्यवस्था को बेहतर तरीके से संभालने में भी मदद करेगा।
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