आरबीएल बैंक अब अपने ग्राहकों को ज़्यादा कर्ज़ देकर अपना कारोबार बढ़ाने की योजना बना रहा है। बैंक का लक्ष्य है कि वह अधिक ब्याज मार्जिन कमाए, इसके लिए वह ज़्यादा रिटर्न देने वाले खुदरा ऋण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आने वाले 3 महीनों में बैंक व्यवसाय वाहनों के लिए फाइनेंसिंग की शुरुआत करेगा।
बैंक चाहता है कि उसके ऋण बही खाते में खुदरा संपत्तियों की हिस्सेदारी बढ़े। बैंक के खुदरा प्रमुख कुमार आशीष ने कहा, “विकास के लिए हमें बाज़ार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।” उन्होंने खुदरा ऋण को बैंक के विस्तार का मुख्य साधन बताया।
आरबीएल बैंक व्यवसाय वाहनों और पुरानी कारों के लिए ऋण देगा। ये ऋण ज़्यादातर छोटे उधारकर्ताओं को मिलेंगे जो द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में रहते हैं। बैंक की ट्रैक्टर ऋण टीम इन ऋणों को ग्रामीण इलाकों में आगे बढ़ाएगी। बैंक चाहता है कि यह प्रक्रिया तेज़ और सरल हो, जिससे ग्राहकों को अच्छा अनुभव मिले और ऋण जल्दी स्वीकृत हो।
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इस नई योजना को लागू करने के लिए बैंक मौजूदा शाखा कर्मचारियों का उपयोग करेगा। बैंक की देशभर में 550 से ज़्यादा शाखाएं और 1,500 से अधिक व्यावसायिक केंद्र हैं। अब ये टीमें भी खुदरा ऋण बेचेंगी। बैंक अपने वर्तमान स्टाफ और डिजिटल ऋण उपकरणों के माध्यम से लागत को कम रखेगा और पहुंच बढ़ाएगा।
पिछली तिमाही में बैंक को सूक्ष्म वित्त ऋणों से कुछ नुकसान हुआ। लेकिन बैंक का कहना है कि ऋण वसूली में सुधार हो रहा है, खासकर अप्रैल के बाद। तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में अभी भी थोड़ा दबाव है, लेकिन बैंक को उम्मीद है कि वर्ष की दूसरी छमाही बेहतर होगी।
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