2025 में ट्रकिंग में मुनाफा: आंकड़ों की आसान समझ2025 में ट्रकिंग में मुनाफा: आंकड़ों की आसान समझ

12 Sep 2025

2025 में ट्रकिंग में मुनाफा: आंकड़ों की आसान समझ

2025 में भारत की ट्रकिंग में मुनाफा कैसे कम हो रहा है और ट्रांसपोर्टर किन तरीकों से इसे बढ़ा सकते हैं, जानिए आसान भाषा में।

समीक्षा

लेखक

IG

By Indraroop

शेयर करें

2025 में भारत की ट्रकिंग इंडस्ट्री घरेलू माल ढुलाई का एक बड़ा हिस्सा संभाल रही है। खेतों से अनाज ढोने से लेकर छोटे शहरों तक ई-कॉमर्स सामान पहुंचाने तक, ट्रक देश की 60% से ज़्यादा माल ढुलाई करते हैं। लेकिन इतनी बड़ी भूमिका निभाने के बावजूद, ज़्यादातर ट्रांसपोर्टर भारी दबाव में हैं। डीज़ल के दाम बढ़ना, टोल में अनिश्चितता, चालकों की कमी और सरकारी नियमों की परेशानियाँ मुनाफे को बहुत कम कर रही हैं।

इस कारोबार में पैसा कैसे आता-जाता है, यह जानना हर मालिक, ऑपरेटर और निवेशक के लिए जरूरी है। इस लेख में हम ट्रकिंग से जुड़े मुख्य खर्चोंऔर कमाई के तरीकों को आसान भाषा में समझा रहे हैं।

भारत में ट्रकिंग की असली कमाई

भारत में ट्रकिंग से होने वाली कमाई तीन चीजों पर निर्भर करती है:

  1. मालभाड़ा (फ्रेट रेट)
  2. ट्रिप की संख्या
  3. वाहन का पूरा उपयोग

2025 में दक्षिण और पश्चिम भारत के बीच के रास्तों पर मालभाड़ा थोड़ा बढ़ा है। यहां ₹22 से ₹32 प्रति किलोमीटर के बीच रेट मिल रहे हैं। यह दर इस बात पर निर्भर करती है कि माल कौन सा है, रास्ता कैसा है और मांग कितनी है।

लेकिन कमाई का असली फर्क तब पड़ता है जब देखा जाए कि ट्रक एक दिन में कितनी दूरी तय करता है। ट्रैफिक जाम, टोल पर रुकना, बॉर्डर पर देरी और बाकी अड़चनें ट्रक की रोज़ की दूरी को घटा देती हैं। और अगर ट्रक खाली लौटता है, तो मुनाफा और भी कम हो जाता है।

मुनाफा कम क्यों हो रहा है?

व्यवसाय ट्रकों को चलाना हर साल महँगा होता जा रहा है। सबसे ज़्यादा खर्च ईंधन का है। डीज़ल की कीमत लगभग ₹95 से ₹100 प्रति लीटर है। भारी ट्रकों को औसतन 3.5 से 4.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज मिलता है। इसलिए सिर्फ डीज़ल ही ट्रक के कुल खर्च का 40% से ज़्यादाहोता है।

इसके अलावा, ड्राइवरों की तनख्वाह भी एक बड़ा खर्च है। लंबे रूट पर चलने वाले चालकों को आज के समय में ₹18,000 से ₹25,000 प्रति माहतक मिलते हैं, जिसमें रुकने और खाने का खर्च शामिल नहीं है। ड्राइवरों की कमी और समय पर डिलीवरी की मांग के कारण ये तनख्वाह और बढ़ सकती हैं।

टोल टैक्स, गाड़ी की मरम्मत, टायर बदलना, बीमा, आरटीओ चार्ज और अनौपचारिक भुगतान जैसे कई और खर्चे भी हैं, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल होता है।

2025 में प्रति किलोमीटर खर्च

एक ठीक से रखरखाव किए गए भारी ट्रक के लिए प्रति किलोमीटर खर्च ₹18.5 से ₹22.8 के बीच आता है। नीचे खर्च का ब्योरा दिया गया है:

  • ईंधन: ₹10.5 – ₹12.0 प्रति किमी
  • चालक व सहायक वेतन: ₹2.5 – ₹3.0 प्रति किमी
  • टोल व राज्य शुल्क: ₹3.5 – ₹5.0 प्रति किमी
  • मरम्मत व टायर: ₹1.5 – ₹2.0 प्रति किमी
  • बीमा व अन्य खर्च: ₹0.5 – ₹0.8 प्रति किमी

जो ट्रक खाली लौटते हैं, उनका खर्च लगभग दोगुना हो जाता है।

मुनाफा: बहुत ही कम

सभी खर्चों को घटाने के बाद ज्यादातर ट्रक मालिकों का मुनाफा 6% से 12% के बीच रहता है। बड़े बेड़े वाले व्यवसाय मालिकों को थोक डीज़ल छूट, सॉफ्टवेयर और बेहतर योजना की वजह से थोड़ी अच्छी कमाई हो जाती है। लेकिन जो अकेले ट्रक चलाते हैं या छोटे ऑपरेटर हैं, उनका मुनाफा 5% से भी कम रहता है, खासकर जब काम कम हो।

एफएमसीजी माल, सामान्य सामान या निर्माण सामग्री जैसी जगहों पर सबसे ज़्यादा प्रतिस्पर्धा होती है, जिससे मुनाफा और भी घटता है।

तकनीक और बदलाव से उम्मीद

कई समझदार ट्रांसपोर्टर अब डिजिटल तरीके अपना रहे हैं। फ्लीट सॉफ्टवेयर, जीपीएस, और रूट प्लानिंग से वे डीज़ल बचा रहे हैं, ट्रक का फालतू खड़ा रहना रोक रहे हैं और काम को स्मार्ट तरीके से कर रहे हैं।

अब कुछ ट्रांसपोर्टर छोटे शहरों के रूट पर बिजली या एलएनजी वाले ट्रक भी आजमा रहे हैं, जिनसे लगभग 30% खर्च की बचत हो रही है।

इसके अलावा, बड़े व्यवसाय मालिक टायर थोक में खरीद, मरम्मत का शेड्यूल और ड्राइवर ट्रेनिंग जैसे उपायों से अपने खर्च घटा रहे हैं।

निष्कर्ष

जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और मेक इन इंडिया और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जैसी योजनाएं आगे बढ़ेंगी, ट्रकिंग की मांग भी बढ़ेगी। लेकिन मुनाफा सिर्फ रेट बढ़ाने से नहीं आएगा। जो ट्रांसपोर्टर बुद्धिमानी से खर्च करेंगे, वापसी ट्रिप प्लान करेंगे, ट्रकों का ध्यान रखेंगे, और नई तकनीक अपनाएंगे – वही टिक पाएंगे और अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।यदि आप अपने व्यवसाय के लिए नया या प्रयुक्त (पुराना) वाणिज्यिक वाहन खरीदने की सोच रहे हैं, तो 91ट्रक्स पर अवश्य जाएँ। यहाँ आपको आपके कंपनी की आवश्यकताओं के अनुसार विस्तृत समीक्षाएँ, विनिर्देश (स्पेसिफिकेशन), और सर्वोत्तम ऑफ़र मिलेंगे। ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ी ताज़ा ख़बरों और कहानियों के लिए 91ट्रक्स से जुड़े रहें। नवीनतम जानकारी और वीडियो के लिए हमारे यू-ट्यूब चैनल को सदस्यता दें और फेसबुक, इंस्टाग्राम तथा लिंक्डइन पर हमें अनुसरण करें।

वेब स्टोरीज़

नवीनतम ट्रक समाचार

श्रेणी

*कीमतें सांकेतिक हैं और बदल सकती हैं।
91trucks

91ट्रक्स एक तेजी से बढ़ता डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो वाणिज्यिक वाहन उद्योग से संबंधित नवीनतम अपडेट और जानकारी प्रदान करता है।

उपयोगी लिंक

हमारी साझेदार वेबसाइट

हम से जुड़ें