ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक पर जुर्माना नहीं, पीएमपीएमएल विवाद पर सफाईओलेक्ट्रा ग्रीनटेक पर जुर्माना नहीं, पीएमपीएमएल विवाद पर सफाई

18 Sep 2025

ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक पर जुर्माना नहीं, पीएमपीएमएल विवाद पर सफाई

ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक ने स्पष्ट किया कि पीएमपीएमएल बस विवाद में उस पर कोई सीधी पेनल्टी नहीं है; जुर्माना ईवीई और ओएचए कंपनियों पर लगा है।

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BS

By Bharat

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भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड ने साफ किया है कि पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) के साथ उसके सीधे अनुबंध पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है। यह बयान उस समय आया जब कुछ खबरों में दावा किया गया था कि कंपनी पर 55 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

कैसे फैली गलतफहमी

कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि ओलेक्ट्रा को जुर्माना देना पड़ा है। इस खबर से निवेशकों और बस क्षेत्र से जुड़े लोगों में चिंता बढ़ गई। लेकिन अब ओलेक्ट्रा ने साफ कर दिया है कि यह जुर्माना कंपनी पर नहीं है।

किसे मिला जुर्माना?

असल जुर्माना दो अन्य कंपनियों पर लगाया गया है जो पीएमपीएमएल के साथ काम करती हैं:

  • ईवीईवाई ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड – 40.39 करोड़ रुपये का जुर्माना
  • ओएचए कम्यूट प्राइवेट लिमिटेड – 15.43 करोड़ रुपये का जुर्माना

इन दोनों कंपनियों के पास मिलकर करीब 500 बसों का अनुबंध था। जुर्माना बसों की देर से आपूर्ति या समय पर आपूर्ति न करने के कारण लगाया गया। ओलेक्ट्रा ने बसें केवल आदेश के अनुसार दी थीं, लेकिन अनुबंध और संचालन की ज़िम्मेदारी ईवीईवाई और ओएचए की थी।

आगे क्या होगा?

ईवीईवाई और ओएचए दोनों ने इस जुर्माने को चुनौती देने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता में भेज दिया है, वहीं पीएमपीएमएल ने पुराने आदेशों के खिलाफ पुनर्विचार याचिका भी लगाई है। फिलहाल यह मामला अदालत में चल रहा है।

ओलेक्ट्रा का पक्ष

ओलेक्ट्रा का कहना है कि वह सीधे तौर पर 150 बसें पीएमपीएमएल के साथ अलग अनुबंध के तहत चला रही है और इन सेवाओं पर कोई जुर्माना नहीं है। कंपनी ने यह स्पष्टीकरण सेबी के नियमों के तहत दिया है ताकि निवेशकों के बीच कोई गलतफहमी न हो।

ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक के बारे में

हैदराबाद स्थित ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक भारत के इलेक्ट्रिक बस बाज़ार की एक बड़ी कंपनी है। यह देशभर में कई राज्य परिवहन निकायों को बसें बनाकर सप्लाई करती है। कंपनी का नाम बीएसई (कोड: 532439) और एनएसई (प्रतीक: ओलेक्ट्रा) पर सूचीबद्ध है।

निष्कर्ष

ओलेक्ट्रा ने साफ किया है कि पीएमपीएमएल मामले में उस पर कोई सीधा जुर्माना नहीं है। जुर्माने का मामला सिर्फ उसकी पार्टनर कंपनियों तक सीमित है और यह विवाद अदालत में विचाराधीन है। वहीं, ओलेक्ट्रा का खुद का पीएमपीएमएल के साथ कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है, जो दिखाता है कि कंपनी अभी भी भारत के इलेक्ट्रिक बस क्षेत्र में मजबूत और भरोसेमंद खिलाड़ी है।

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