बजाज ऑटो की जुलाई बिक्री में 3% की बढ़त, विदेशों में माँग बढ़ी, देश में घटीबजाज ऑटो की जुलाई बिक्री में 3% की बढ़त, विदेशों में माँग बढ़ी, देश में घटी

01 Aug 2025

बजाज ऑटो की जुलाई बिक्री में 3% की बढ़त, विदेशों में माँग बढ़ी, देश में घटी

बजाज ऑटो की जुलाई बिक्री में हल्की बढ़त, भारत में गिरावट लेकिन विदेशों में व्यवसाय वाहनों के निर्यात से मिली मज़बूती।

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PV

By Pratham

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बजाज ऑटो ने जुलाई महीने के लिए मिले-जुले नतीजे जारी किए हैं। कुल वाहन बिक्री में 3% की बढ़ोतरी हुई है और यह संख्या 366,000 इकाई तक पहुँच गई। लेकिन यह बढ़त मुख्य रूप से निर्यात से आई है। देश में बिक्री अब भी कमज़ोर बनी हुई है। पिछले साल जुलाई में कंपनी ने 354,169 इकाई वाहनों की बिक्री की थी।

व्यवसाय वाहन बने राहत की वजह

देश में व्यवसाय वाहनों की बिक्री ने थोड़ी राहत दी। इस वर्ग में घरेलू बिक्री 4% बढ़कर 43,864 इकाई हुई, जो पिछले साल जुलाई में 42,150 इकाई थी। इससे कुल बिक्री में थोड़ी भरपाई हुई।

निर्यात में ज़बरदस्त उछाल

पिछले महीने असली मजबूती निर्यात से आई। बजाज ऑटो ने जुलाई में 25,889 व्यवसाय वाहन विदेशों में भेजे, जो जुलाई 2024 की तुलना में 79% की बढ़ोतरी है (तब 14,478 इकाई बेचे गए थे)। हालाँकि निर्यात की पूरी जानकारी वर्ग के हिसाब से नहीं दी गई, लेकिन व्यवसाय वाहनों की तेज़ बढ़त अहम मानी जा रही है।

यह साफ़ दिखाता है कि कंपनी अब घरेलू बाज़ार की सुस्ती को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों की ओर ज्यादा ध्यान दे रही है।

अप्रैल से जुलाई के आंकड़े

अप्रैल से जुलाई 2025 तक कुल बिक्री में 1% की बढ़त हुई और यह 1,477,237 इकाई तक पहुँच गई। इस दौरान घरेलू बिक्री में 9% की गिरावट आई, जबकि निर्यात में 19% की तेज़ बढ़त दर्ज की गई। इस चार महीने की अवधि में बजाज के व्यवसाय वाहन निर्यात में 44% की वृद्धि हुई है, जो खासतौर पर उल्लेखनीय है।

ये आंकड़े साफ़ दिखाते हैं कि कंपनी को किस दिशा में आगे बढ़ने में फायदा मिल रहा है।

विदेशी बाज़ारों में बढ़त, घरेलू माँग में गिरावट

बजाज ऑटो अब अंतरराष्ट्रीय रणनीति पर और ज़ोर देता दिख रहा है। जब भारत में माँग धीमी हो रही है, तब निर्यात की अहमियत और बढ़ गई है। विश्लेषकों का मानना है कि बजाज ने विदेशों में सही दाम और अच्छे उत्पाद पेश किए हैं, जिससे उसे फायदा मिल रहा है। बजाज ऑटो की कीमतें वहां के बाज़ारों में आकर्षक बनी हुई हैं, जिससे कंपनी को बाज़ार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिली है।

निष्कर्ष

फिलहाल कंपनी ने कोई नया दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है कि आने वाले महीनों में वह निर्यात पर ही फोकस बनाए रखेगी। अगर यही रुझान जारी रहे, तो साल के बाकी हिस्से में अंतरराष्ट्रीय बाज़ार ही कंपनी की प्रमुख विकास दिशा बना रहेगा।

जुलाई के नतीजे फिलहाल सतर्क रूप से सकारात्मक माने जा सकते हैं। ये दो अलग-अलग बाज़ारों की कहानी बयां करते हैं, भारत में धीमापन और विदेशों में तेज़ी, और एक ऐसी कंपनी के लिए जो हमेशा वाहन उद्योग का संकेतक मानी जाती है, यह बदलाव गौर करने लायक है।

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