ज़ेडएफ व्यवसाय वाहन कंट्रोल सिस्टम्स के शेयरों में उस समय तेज़ उछाल देखा गया जब कंपनी में एक बड़ी ब्लॉक डील के जरिए लगभग ₹792 करोड़ का शेयर सौदा हुआ। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में लगभग 5% की तेजी दर्ज की गई।
6 जून को शेयर बाजार में ज़ेडएफ व्यवसाय वाहन कंट्रोल सिस्टम्स के लगभग 29 लाख शेयरों की बड़ी मात्रा में खरीद-फरोख्त हुई। यह सौदा ₹9,500 से ₹9,650 प्रति शेयर के बीच हुआ, जिसमें प्रोमोटर समूह ने अपनी लगभग 6.5% हिस्सेदारी बेची। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कंपनी की सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाने और बाज़ार में तरलता को बेहतर करने के लिए उठाया गया है।
यह कंपनी पहले वाबको इंडिया के नाम से जानी जाती थी, जिसे बाद में ज़ेडएफ समूह ने अधिग्रहित कर लिया। अब यह कंपनी भारत में व्यवसाय वाहनों के लिए ब्रेकिंग सिस्टम और कंट्रोल टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने वाली एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गई है।
भारत में व्यवसाय वाहनों की बढ़ती मांग, बुनियादी ढांचे में निवेश और इलेक्ट्रिक तकनीक को अपनाने की वजह से ज़ेडएफ की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील केवल एक सामान्य लेन-देन नहीं थी, बल्कि यह निवेशकों के भरोसे और कंपनी के भविष्य की संभावनाओं को दर्शाती है। व्यवसाय वाहन उद्योग में तकनीकी नवाचार और स्थिर विकास की उम्मीदें, निवेशकों को ज़ेडएफ जैसे मजबूत ब्रांड की ओर आकर्षित कर रही हैं।
₹792 करोड़ की इस ब्लॉक डील ने न केवल ज़ेडएफ व्यवसाय वाहन कंट्रोल सिस्टम्स के शेयरों में तेजी लाई, बल्कि इसने व्यवसाय वाहन क्षेत्र में निवेशकों की रुचि को भी फिर से जाग्रत किया है। प्रोमोटर की हिस्सेदारी में कमी और संस्थागत निवेशकों की भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी भविष्य में भी बाज़ार का महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रहेगी।
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