हरियाणा की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी तांगा ब्रांड के तहत तीन-पहिया वाहन में विस्तार की योजना

30 Sep 2025

हरियाणा की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी तांगा ब्रांड के तहत तीन-पहिया वाहन में विस्तार की योजना

ज़ेलियो ई-मोबिलिटी 2026 तक तांगा ब्रांड के तीन-पहिया वाहन लॉन्च कर रही है, जिससे व्यवसाय और बाज़ार में नई संभावनाएँ खुलेंगी।

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PV

By Pratham

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हरियाणा की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ज़ेलियो ई-मोबिलिटी लिमिटेड अब अपने तांगा ब्रांड के तहत तीन-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के व्यवसाय में कदम रखने की तैयारी कर रही है। कंपनी अप्रैल 2026 तक एक नई निर्माण इकाई शुरू करने का लक्ष्य रखती है। ज़ेलियो को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में तीन-पहिया वाहन कंपनी की कुल आय का लगभग 30–40 प्रतिशत हिस्सा बन सकते हैं।

ज़ेलियो ई-मोबिलिटी की वर्तमान संचालन क्षमता

ज़ेलियो का हिसार में एक प्लांट है, जो ज़ेलियो ब्रांड के तहत कम गति वाले इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन बनाता है। ये वाहन मुख्य रूप से छात्रों, बुजुर्गों और छोटे दूरी के यात्रियों के लिए बनाए जाते हैं। इस प्लांट की सालाना क्षमता 72,000 वाहन की है और 31 मार्च 2025 तक यह लगभग 52 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहा था।

मुख्य वित्त अधिकारी शुभम गर्ग ने कहा, “जैसे-जैसे उत्पादन क्षमता का उपयोग बढ़ेगा, हम अतिरिक्त शिफ्ट जोड़ सकते हैं ताकि बाजार की मांग पूरी हो सके।” इसके अलावा, ज़ेलियो ने अपने वाहन वितरण के लिए 300 से अधिक डीलर आउटलेट का नेटवर्क तैयार किया है।

नई इकाई में रणनीतिक निवेश

कंपनी नई तीन-पहिया वाहन इकाई के लिए लगभग 20 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, 19–20 करोड़ रुपए कर्ज चुकौती, कार्यशील पूंजी और अनुसंधान एवं विकास के लिए रखे जाएंगे। शुभम गर्ग ने बताया, “हमारा तत्काल ध्यान प्लांट पर है।”

जब पूछा गया कि मौजूदा प्लांट की मध्यम क्षमता के बावजूद विस्तार क्यों किया जा रहा है, तो शुभम गर्ग ने कहा, “नई इकाई से विविधीकरण में मदद मिलेगी। हमारी आगामी तीन-पहिया वाहन लाइन के लिए एक समर्पित प्लांट की आवश्यकता होगी। कई प्लांट्स चलाने से किसी एक स्थान पर निर्भरता कम होगी और संचालन संबंधी जोखिम कम होंगे।”

वित्तीय प्रदर्शन और फंडिंग

FY 2025 में ज़ेलियो की आय 172 करोड़ रुपए रही, जिसमें संचालन से पूर्व लाभ (संपादन पूर्व लाभ) 21 करोड़ रुपए और कर के बाद लाभ 16 करोड़ रुपए रहा। इसका मार्जिन आय का 9.29 प्रतिशत था। कंपनी की कुल संपत्ति 26.67 करोड़ रुपए थी। FY 23 से FY 25 तक कंपनी ने आय में 83% और कर के बाद लाभ में 128% की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की, जो छोटे स्तर से तेज़ी से बढ़ने को दिखाता है।

कंपनी अपने विस्तार, कर्ज चुकौती और कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्यम आईपीओ का सहारा लेगी, जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने मंजूरी दी है। यह आईपीओ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के माध्यम से 78 करोड़ रुपए जुटाएगा और इसे हेम सिक्योरिटीज लिमिटेड द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है। आईपीओ 30 सितंबर 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 3 अक्टूबर 2025 को बंद होगा। इस मुद्दे में 46.2 लाख नई इक्विटी शेयर और 11.4 लाख शेयर बिक्री के लिए शामिल हैं, जिनकी कीमत 129–136 रुपए प्रति शेयर है।

शुभम गर्ग ने कहा, “इस क्षेत्र में मुख्य आवश्यकता कार्यशील पूंजी की है। हम तकनीक और डिज़ाइन सुधारने के लिए अनुसंधान एवं विकास पर भी ध्यान देंगे।”

भविष्य की विस्तार योजनाएँ

तत्काल ध्यान तांगा तीन-पहिया वाहन प्लांट पर है, लेकिन ज़ेलियो धीरे-धीरे घटकों का स्थानीयकरण बढ़ा रहा है ताकि भविष्य में सरकारी नीतियों या इलेक्ट्रिक वाहन पहलों से लाभ मिल सके। आगे चलकर, कंपनी दक्षिण और पूर्वी भारत में अतिरिक्त प्लांट स्थापित करने पर विचार कर सकती है, ताकि परिवहन और लॉजिस्टिक खर्च कम हो।

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