शुभ्रांशु सिंह ने टाटा मोटर्स में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे टाटा मोटर्स के व्यवसाय वाहन (सीवी) विभाग के उपाध्यक्ष और वैश्विक विपणन प्रमुख थे। यह इस्तीफा एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर संकेत करता है, क्योंकि सिंह ने पिछले 4 वर्षों में ब्रांड को पूरी तरह से नया रूप दिया था।
जब शुभ्रांशु सिंह ने वर्ष 2021 में टाटा मोटर्स जॉइन किया था, उस समय व्यवसाय वाहन विभाग में कोई स्पष्ट विपणन रणनीति नहीं थी। उन्होंने शुरुआत से टीम बनाई, ब्रांड प्रबंधकों की नियुक्ति की और एक नई पहचान के साथ प्रचार किया। उनका प्रमुख संदेश था – "बेटर ऑलवेज", जो टाटा के व्यवसाय वाहनों की गुणवत्ता, सुरक्षा और नवाचार को दर्शाता था।
पहले व्यवसाय वाहन क्षेत्र में प्रचार मुख्यतः डीलरों के माध्यम से होता था। लेकिन सिंह ने इसे डिजिटल दिशा में मोड़ा। उन्होंने डेटा आधारित और स्वचालित प्रणाली को अपनाया। इसमें ग्राहक संबंध प्रबंधन उपकरणों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भी उपयोग किया गया। मोटर्स के व्यवसाय वाहन यूट्यूब चैनल ने 1 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर और 450 मिलियन से अधिक व्यूज हासिल किए। यह सब मूल्य आधारित और ग्राहकों से जुड़ाव वाले कंटेंट के कारण संभव हुआ।
शुभ्रांशु सिंह का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब व्यवसाय वाहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव हो रहा है। परिवहन कंपनियां अब ऐसे वाहन चाहती हैं जो कम खर्च, ज्यादा माइलेज और पर्यावरण के अनुकूल हों। टाटा मोटर्स ने इस बदलाव के अनुरूप टाटा ऐस ईवी और टाटा ऐस प्रो ईवी जैसे वाहन बाज़ार में उतारे। इनका प्रचार भी सिंह की टीम ने ही किया और लोगों को यह विश्वास दिलाया कि टाटा का भविष्य टिकाऊ और आधुनिक है।
टाटा मोटर्स से पहले सिंह रॉयल एनफील्ड, वीज़ा, स्टार स्पोर्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियों में काम कर चुके थे। हर जगह उन्होंने ब्रांड को नए तरीके से लोगों के सामने रखा।
वर्ष 2025 में उन्हें फोर्ब्स द्वारा विश्व के सबसे प्रभावशाली विपणन प्रमुखों में शामिल किया गया। इसके अलावा, वे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एफ़ी लायंस फ़ाउंडेशन के बोर्ड में भी रहे।
टाटा मोटर्स ने अब तक सिंह के स्थान पर किसी नए विपणन प्रमुख की घोषणा नहीं की है। लेकिन यह तय है कि जो भी आएगा, उसे डिजिटल मार्केटिंग को आगे बढ़ाना होगा, इलेक्ट्रिक वाहनों की छवि मजबूत करनी होगी और ग्राहकों के साथ संबंध को और गहरा करना होगा।
अब जब टाटा मोटर्स अपने व्यवसाय वाहन विभाग को एक अलग कंपनी के रूप में तैयार कर रही है – टीएमएल व्यवसाय वाहन लिमिटेड – तो एक नए तरह की रणनीति और प्रचार की ज़रूरत होगी।
शुभ्रांशु सिंह का इस्तीफा केवल एक बदलाव नहीं, बल्कि एक युग के अंत जैसा है। उन्होंने विपणन को केवल प्रचार का माध्यम नहीं रहने दिया, बल्कि उसे ब्रांड निर्माण और ग्राहक से जुड़ाव का साधन बना दिया। उन्होंने दिखाया कि व्यवसाय वाहन जैसे तकनीकी क्षेत्र में भी भावना, दृष्टि और नवाचार के साथ बड़ी पहचान बनाई जा सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टाटा मोटर्स आगे किस दिशा में कदम बढ़ाती है। लेकिन इतना तय है कि सिंह ने जो नींव रखी है, वह मजबूत है और भविष्य को दिशा दे सकती है।
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