भारतबेंज (डेमलर इंडिया व्यवसाय वाहन के तहत) ने एचएक्स और टॉर्कशिफ्ट सीरीज के ट्रक लॉन्च किए हैं। ये ट्रक खासतौर पर भारत के तेजी से बढ़ते निर्माण और खनन क्षेत्रों के लिए बनाए गए हैं। कंपनी का मकसद है कि कठिन रास्तों और भारी कामों के लिए दमदार और टिकाऊ समाधान पेश किए जाएं।
भारत में तेजी से सड़कों, शहरों और औद्योगिक इलाकों का विकास हो रहा है। अनुमान है कि 2030 तक निर्माण उपकरणों का बाजार 16 अरब डॉलर से बढ़कर 45 अरब डॉलर हो जाएगा। सरकार 2,00,000 किलोमीटर से ज्यादा हाईवे बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए मजबूत, कुशल और भरोसेमंद व्यवसाय वाहन जरूरी हैं। भारतबेंज ने इन जरूरतों के मुताबिक अपने नए ट्रक उतारे हैं।
एचएक्स ट्रक खासतौर पर खदानों, खड़ी चढ़ाई वाले रास्तों और कच्चे निर्माण स्थलों के लिए बनाए गए हैं।
2828सी एचएक्स 60% की चढ़ाई चढ़ सकता है, जबकि 3532सी एचएक्स पूरा लोड होने पर भी 54% तक की चढ़ाई पर चल सकता है।
इन ट्रकों में उच्च स्तर की सुरक्षा और समय की बचत पर ध्यान दिया गया है। इसमें हिल होल्ड असिस्ट, यूनिटाइज्ड एक्सल बेयरिंग और ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे फीचर्स दिए गए हैं। केबिन ईसीई आर29-03 क्रैश स्टैंडर्ड के अनुसार बने हैं, जो ड्राइवर की सुरक्षा को और बेहतर बनाते हैं।
टॉर्कशिफ्ट सीरीज के ट्रक जैसे 2832सीएम और 3532सीएम खासकर खनन और भारी सामान ढोने के लिए हैं।
इन ट्रकों में ऑटोमैटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी) दिया गया है। एएमटी से माइलेज बेहतर होता है, ड्राइवर की थकान कम होती है और काम जल्दी होता है।
एचएक्स-आरएमसी वेरिएंट विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र के लिए है। इसमें 9 क्यूबिक मीटर कंक्रीट ले जाने की क्षमता है और यह 280 हॉर्सपावर के बीएस6 इंजन से चलता है, जो 1100 न्यूटन मीटर टॉर्क देता है। यह शहरी और ग्रामीण दोनों तरह की परियोजनाओं के लिए उपयुक्त है।
लॉन्च से पहले, भारतबेंज ने इन ट्रकों को अलग-अलग कठिन क्षेत्रों में चलाकर परखा। कंपनी ने 150 से 200 ट्रक भारत के विभिन्न स्थलों पर परीक्षण के लिए तैनात किए। इनसे यह साबित हुआ कि ये ट्रक समय पर काम पूरा करने, ईंधन की बचत और टिकाऊपन के मामले में बेहतर हैं।
भारतबेंज के पास भारत में 385 टचपॉइंट्स का नेटवर्क है। कंपनी 15000 इंजन घंटे तक के लिए वार्षिक सेवा अनुबंध भी देती है। इसके साथ ही, डिजिटल टूल्स से ट्रकों की स्थिति पर नजर रखी जा सकती है और समय रहते मेंटेनेंस किया जा सकता है।
आजकल कई ट्रक मालिक अपने पुराने ट्रकों को बदल रहे हैं। निर्माण और खनन में इस्तेमाल होने वाले ट्रक आमतौर पर 8 से 10 साल तक चलते हैं। अब व्यवसायों को ऐसे वाहन चाहिए जो ज्यादा सुरक्षित हों, कम खर्च में चलें और प्रदूषण भी कम करें। भारतबेंज ने इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने नए ट्रक तैयार किए हैं।
एचएक्स और टॉर्कशिफ्ट सीरीज के ज़रिए भारतबेंज ने भारत की अगली विकास यात्रा के लिए तैयार ट्रक पेश किए हैं। इनमें मजबूत तकनीक, स्मार्ट ट्रांसमिशन और बेहतर सेवा सपोर्ट दिया गया है। ये ट्रक निर्माण और खनन क्षेत्र की मांग को शक्ति और सटीकता के साथ पूरा करने के लिए तैयार हैं।
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