जुलाई में प्रमुख मार्गों पर ट्रक किराया 3–4% तक गिरा: रिपोर्टजुलाई में प्रमुख मार्गों पर ट्रक किराया 3–4% तक गिरा: रिपोर्ट

16 Jul 2025

जुलाई में प्रमुख मार्गों पर ट्रक किराया 3–4% तक गिरा: रिपोर्ट

जुलाई 2025 की पहली छमाही में प्रमुख मार्गों पर ट्रक किराया 3–4% तक घटा। बारिश और एमएसएमई की कम मांग इसके मुख्य कारण रहे।

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BS

By Bharat

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भारतीय परिवहन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (आईएफ़टीआरटी) की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2025 की पहली छमाही में देश के प्रमुख मालवाहक मार्गों पर ट्रक किराया 3–4% तक गिर गया। यह गिरावट व्यवसाय ट्रकों की मांग में कमी और बारिश से प्रभावित माल ढुलाई के कारण आई है।

किन मार्गों पर किराया घटा?

कई प्रमुख मार्गों पर ट्रक किराये में कमी दर्ज की गई, जैसे:

  • दिल्ली–मुंबई–दिल्ली
  • दिल्ली–बेंगलुरु–दिल्ली
  • दिल्ली–चेन्नई–दिल्ली
  • दिल्ली–कोलकाता–दिल्ली

इन सभी मार्गों पर ट्रक किराया 3–4% तक घटा है। ये सभी मार्ग देश की माल परिवहन व्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। यहां गिरावट का मतलब है कि व्यवसाय वाहन की मांग में पूरे देश में कमी आई है।

किराया घटने के कारण

इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण ये हैं:

  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की माल भेजने की गतिविधि धीमी रही। कम ऑर्डर और गोदामों में भरे माल के कारण भेजाई कम हुई।
  • बरसात के कारण ढुलाई में बाधा आई। भारी बारिश के चलते रास्ते बंद रहे, लोडिंग-अनलोडिंग में देरी हुई, और खेतों से माल भेजना भी रुका।
  • कम माल होने से ट्रक कम चले। जब ट्रकों को काम नहीं मिलता, तो मालिक किराया घटाकर माल ढोने को मजबूर हो जाते हैं।

व्यवसाय ट्रक मालिकों पर असर

कम किराये का सबसे बड़ा असर छोटे ट्रक मालिकों पर होता है। ये मालिक ज्यादातर मौके के ऑर्डर पर काम करते हैं। जब कमाई घटती है तो:

  • वे नया व्यवसाय ट्रक खरीदने का निर्णय टाल देते हैं।
  • ट्रक की मरम्मत या सर्विस भी टाल दी जाती है।
  • बड़े ऑपरेटर अपने ट्रक उन मार्गों पर भेजते हैं जहाँ माल की मांग ज्यादा होती है।

इसका असर केवल ढुलाई करने वाली कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि व्यवसाय ट्रक बनाने वाली कंपनियों और उन्हें ऋण देने वाले संस्थानों पर भी पड़ता है।

आगे का अनुमान

आईएफ़टीआरटी का मानना है कि जब बारिश कम होगी और त्योहारों का सीजन शुरू होगा, तब ट्रकों की मांग बढ़ेगी और किराया फिर ऊपर आ सकता है। ये कारण मदद कर सकते हैं:

  • खेतों से माल का बाजारों तक पहुंचना
  • दुकानों का त्योहारों के लिए स्टॉक भरना
  • बारिश रुकने के बाद निर्माण कार्यों का फिर से शुरू होना

अगर ये सभी गतिविधियाँ ठीक से शुरू होती हैं, तो भारत में ट्रक किराया फिर से बढ़ सकता है। पर तब तक, ट्रक मालिकों को अपने खर्च और कमाई में संतुलन बनाकर चलना होगा।

मुख्य बिंदु

जानकारीविवरण
किराये में गिरावटप्रमुख मार्गों पर 3–4% तक
प्रमुख कारणएमएसएमई की कम मांग, बरसात का असर
प्रभावित मार्गदिल्ली–मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता
असरकम कमाई, व्यवसाय ट्रक की खरीद में देरी
सुधार की संभावनाबरसात के बाद और त्योहारों से पहले

निष्कर्ष

भारत की व्यवसाय ट्रक प्रणाली देश की आर्थिक गतिविधियों से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। जब भी कारोबार धीमा होता है या मौसम बाधा डालता है, तो उसका सीधा असर ट्रक चालकों, ट्रांसपोर्ट कंपनियों और वाहन निर्माताओं पर पड़ता है। इसलिए, सभी को इन परिवर्तनों पर नज़र रखनी चाहिए और योजना उसी के अनुसार बनानी चाहिए।

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